'शुद्ध के लिये युद्ध' अभियान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक साथ तीन जिलों में की मिलावटी मावा व्यापारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही...
'शुद्ध के लिये युद्ध' अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक साथ तीन जिलों में की मिलावटी मावा व्यापारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही
-लोहावट, ओसियां, फलौदी में नकली मावा बनाने की 100 से अधिक यूनिट की सूचना पर सुबह 8 बजे से शुरू हुई कार्यवाही रात तक थी जारी
-स्वास्थ्य के लिए घातक केमिकल ग्रेड के हाइड्रोजन पराॅक्साइड और सोडियम हाइड्रोसल्फाइड को मावा सफेद करने में लिया जा रहा था काम
जयपुर/जोधपुर, 19 मार्च। जोधपुर में नकली मावा का निर्माण करने वाली यूनिट्स और जोधपुर, नागौर और बीकानेर में इसका विक्रय करने वाली फर्मों के खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जोधपुर, नागौर और बीकानेर जिला प्रषासन एवं पुलिस के सहयोग से मंगलवार को बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। बिना फैट के दूध, तेल और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक घातक रसायनों का उपयोग कर बनाया गया 100 किलो मावा मौके पर ही नष्ट कराया गया। कार्यवाही की सूचना मिलते ही कई नकली मावा निर्माता अपनी यूनिट्स बंद कर भाग खडे़ हुई।
क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसी यूनिट्स का जाल होने की सूचना पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विषिष्ट सचिव एवं मिषन निदेषक डाॅ. समित शर्मा ने सोमवार रात को ही जिला कलक्टर जोधपुर श्री प्रकाष राजपुरोहित और जोधपुर एसपी ग्रामीण श्री राहुल बारहट से समन्वय कर इन यूनिट्स के खिलाफ कार्यवाही की भूमिका तय की। योजना के अनुसार तड़के प्रातः 4 बजे ही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का केन्द्रीय दल लोहावट थाने के पुलिस के जाब्ते के साथ कार्यवाही के लिए निकल गया।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर ने बताया कि सबसे पहले लोहावट, वाइयों की ढाणी, जोधपुर में एक मावा निर्माण इकाई में कार्यवाही के दौरान बिना फैट का दूध व तेल मिलाकर तैयार किये 50 किलो खराब मावे को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सेम्पल लेकर नष्ट कराया गया। फर्म का मालिक संतोष ढाका इस फर्म को बिना लाइसेंस चला रहा था। इस फर्म पर अखाद्य, केमिकल श्रेणी का सोडियम हाइड्रोसल्फाइट मावे को सफेद करने के काम लिया जा रहा था। यह रसायन स्वास्थ्य के लिए घातक है। यहां उपयोग किया जा रहा हाइड्रोजन पराॅक्साइड आखों, गले या श्वसन तंत्र एवं त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। इसे सांद्रित अवस्था में पीने पर पेट और आंत की परेषानी हो सकती है।
स्ंायुक्त निदेषक एवं स्टेट नोडल आॅफिसर डाॅ. सुनील सिंह ने बताया कि इस कार्यवाही के बाद रवाना हुए कार्यवाही दल को मोरिया रोड पर मावा यूनिट बंद मिली। इसके बाद थाटा नगर पर शंकरलाल मावा निर्माता के यहां कार्यवाही की गई। यहां भी फेट निकले दूध से मावा बनाया जा रहा था। यहंा सेम्पल लेकर 50 किलो मावा नष्ट कराया गया। नकली मावा बनाने वाली यूनिट्स के मालिक संतोष ढाका और शंकरलाल ने बताया कि उनके यहां बना मावा जोधपुर घंटाघर के मावे के थोक विक्रेताओं के यहां भेजा जाता है। इसके अलावा नागौर में कोतवाली के पास और बीकानेर में भेसवाला फड़ बाजार में मावा जाता है। इस पर जोधपुर में घंटाघर के पीछे मावे की होलसेल की दुकानों पर जोधपुर सीएमएचओ, फूड इंस्पेक्टर रत्नेष और एसडीएम ने मिलकर कार्यवाही की। नागौर एवं बीकानेर में भी जिला कलक्टरों से बात कर घटिया मावे के सेम्पल लिए गए। केन्द्रीय दल शाम को 5 बजे फलौदी में स्थानीय पुलिस को साथ लेकर 35 किलोमीटर अंदर सवरीज नामक जगह पहंुचा तो यूनिट बंद मिली। डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के केन्द्रीय दल में श्री विनोद शर्मा, श्री संदीप अग्रवाल, श्री भानुप्रताप सिंह एवं जोधपुर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री रावेत सिंह शामिल थे।
आम जन भी शामिल हो सकते हैं मिलावट के खिलाफ इस मुहीम में
मिलावटखोरों के खिलाफ हो रही सख्त कार्यवाहियों, खाद्य सुरक्षा कानून एवं इससे जुडे़ अन्य मामलों पर आमजन भी अपने विचार या सुझाव विवकेंमिजलअवपबम2019/हउंपसण्बवउ पर 31 मार्च तक भेज सकते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि आमजन के क्रियान्वयन योग्य सुझावों के अनुरूप मिलावटखोरों के विरूद्ध और सख्त कानून बनाए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
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