आज हम पिता के सम्मान, त्याग, निःस्वार्थ भावना और अटूट विश्वास को सेलिब्रेट करने के लिए पितृ दिवस यानी फादर्स डे मना रहे है वहीं एक पोलियों ...
आज हम पिता के सम्मान, त्याग, निःस्वार्थ भावना और अटूट विश्वास को सेलिब्रेट करने के लिए पितृ दिवस यानी फादर्स डे मना रहे है वहीं एक पोलियों ग्रस्त परिवार एक पिता के साहरे जीवन व्यापन कर रहा है । नए भारत से पूरे तौर पर पोलियों समाप्त हो चुका हैए मगर कुछ ऐसे भी लोग है जिन्हें पोलियों की बीमारी ने बैसाखियां थामनें पर मजबूर कर दिया। कोटा जिले के भजनपुरा ग्राम की कच्ची बस्ती में रहने वाले राजू बागड़ व उसके परिवार के भी कुछ ऐसे ही हालात है। पहले राजू बागड़ व उसके परिवार की स्थिति बहुत दयनीय थी। क्योंकि राजू की पत्नी के अलावा तीनों बच्चें जिनमें दो बेटियां पूजा व लक्ष्मी और एक बेटा राहुल जोकि पोलियों की पोलियों की बीमारी से जुझ रहे है।
राजू ने अपने बच्चों के ईलाज के लिये 50 हजार रूपये कीमत वाली पुस्तैनी जमीन मजबुरन 15 हजार रूपये में बेचनी पड़ी। कोटा जिले के बहुत से डॉक्टर्स को दिखायाए जितना पैसा था उसने सारा बीमारी के ईलाज में बहा दिया मगर कोई फायदा नजर नहीं आया। राजू के परिवार के पास सर ढकने को ना तो ढ़ंग की छतए ना अच्छा भोजन था और ना ही अपने बच्चों को स्कूल भेज सकता था। मगर कहते है ना कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। जब राजू के पड़ोसी भाई ने नारायण सेवा संस्थान का रास्ता बतायाए तब उसके घर पर छा रहे कठिनाइयों के अधंकार को एनजीओ ने उजाले के रूप आकर दस्तक दी।
राजू बागड़ कोटा से उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान केन्द्र पर अपने परिवार को लेकर पहुंचा और बेहतरीन डॉक्टर्स के द्वारा बिल्कुल मुफ्त उसके बच्चों का सही देखरेख के साथ सर्जरी द्वारा इलाज किया गया। आज उसके बच्चों में रूपयें में 75 प्रतिशत फायदा नजर आ रहा है तथा उसके बच्चें चल फिर सकने के साथ ही खेलकूद रहे है और विद्यालय जाकर अच्छी शिक्षा के साथ अपने सुनहरे भविष्य को बेहतर बनाने में जुटे हुए है। साथ हीए एनजीओ द्वारा राजू बागड़ को हर महीने खाने पीने का राशन व उसके परिवार के लिए पहनने को कपड़े दिये जा रहे है। एनजीओ द्वारा राजू की रोजमर्रा के रोजगार हेतु एक सब्जी व फल बैचने का ठैला भी दिया गया है। जिससे उसे किसी के आगे काम के लिए हाथ ना फैलाने पड़े तथा राजू और उसका परिवार स्वाभिमान का जीवन यापन कर सकें। आज राजू के पड़ोसियों का कहना है कि पहले राजू बागड़ के परिवार की स्थिति बहुत ही खराब थी। और लोग परिवार को दया व हीन भावना से देखते थे। मगर जब से एनजीओ का साथ मिला है तब से राजू के परिवार की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है तथा राजू इज्जत व स्वाभिमान के साथ अपने परिवार का पेट पालते हुए अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दे रहा है और समय पड़ने पर लोगों की मदद हेतु हमेशा तत्पर रहता है ।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा नारायण सेवा संस्थान ने पिछले कुछ वर्षों में 3.7 लाख से अधिक रोगियों का इलाज किया है। सबसे अधिक प्रभावित बच्चों में सीपीए पोलियोए क्लबफुट और अन्य वैकल्पिक बीमारियां देखने को मिलीं। हमारे यहां चिकित्सा सेवाओंए दवाओंए डिजिटल शिक्षा के साथ बिना किसी लागत के बेहतर लाभ उठाकर उन्हें पूर्ण सामाजिक.आर्थिक समर्थन देने का प्रयास करने की प्रवृत्ति है।
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