-- ' क्रियान्वयन व अनुसंधान पर निर्भर है यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज की सफ लता ' डॉ . एस . डी . गुप्ता , चेयरमैन , ...
'क्रियान्वयन व अनुसंधान पर निर्भर है यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज की सफ लता'
डॉ. एस. डी. गुप्ता, चेयरमैन,
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी
प्रेसीडेंट, साउथ ईस्ट एषिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूषंस नेटवर्क
· सात देशों के लगभग 50 प्रतिनिधि पब्लिक हैल्थ मैनेजमेंट एजुकेशन व एक्षन पर कर रहे हैं चर्चा
· जयपुर में 13 से 15 नवंबर तक आयोजित की जा रही है बैठक
जयपुर, 13 नवंबर। हमें अब उन क्षमताओं पर फि र से ध्यान देने की आवश्यकता है, जो मेडिकल व पब्लिक हैल्थ संस्थानों से पास होकर निकलने वाले ग्रेजुएट्स में इन संस्थानों द्वारा विकसित की जानी चाहिए। ये 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) हैं, जिनमें हैल्थ तीसरे स्थान पर है। साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क की बैठक मुख्य रूप से उन चार प्रमुख योग्ताओं पर आधारित होगी, जो पब्लिक हैल्थ संस्थानों द्वारा अपने स्टूडेंट्स में आवश्यक रूप से विकसित की जानी चाहिए। इन विचारों को ब अभ्यास में लाने की जरूरत है। हमें यह समझना होगा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल और इसे प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज क्या है।
हमें इन लक्ष्यों व यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज की प्राप्ति के लिए और इन विचारों को अभ्यास में बदलने के लिए मुख्य क्षमताओं को भी पहचानना होगा। यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज की सफ लता इसके क्रियान्वयन पर निर्भर करती है, इसलिए हमनें इस बैठक में इसके क्रियान्वयन को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया है। विचारों को क्रियान्वयन में परिवर्तित किया जाना चाहिए और परिवर्तन के लिए इन्हें प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। 13 नवंबर को आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क की नवीं बैठक में यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट व साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क के प्रेसीडेंट डॉ. एस. डी. गुप्ता ने यह बात कही।
बैठक में डब्ल्यूएचओ के साउथ ईस्ट ऑफि स, नई दिल्ली फैमेली हैल्थ, जेंडर व लाइफ कोर्स डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. नीना रैना मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने डब्ल्यूएचओ की यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की प्राप्ति में साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क की भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज पब्लिक हैल्थ प्रोग्रामिंग के केंद्र में है और वर्ष 2014 से यह मुख्य प्राथमिकता है। स्वास्थ्य के लिए दवा व मानव संसाधनों की पहुंच बढ़ाना इसका मुख्य फ ोकस है। हम डब्ल्यूएचओ के 13 वें जनरल प्रोग्राम में खरे उतरने के ट्रिपल बिलियन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ चुके हैं। दुनिया के एक अरब और लोगों को यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज का लाभ मिलना चाहिए। इस उपलब्धि में साउथ ईस्ट एषिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन
इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क की प्रमुख भूमिका रही है। इसके अलावा हमारे पास वर्ष 2030 का सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा व सस्टेनेबल गोल्स हैं, जो स्वस्थ जीवन व उम्र को बढ़ाना सुनिश्चित करेंगे। यूनाइटेड नेषेंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के एडिषनल कंट्री डायरेक्टर, डॉ. राकेश कुमार इस कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर थे। उन्होंने कहा कि जब हम सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की बात करते हैं तो जनसंख्या पर निश्चित रूप से विचार किया जाना चाहिए। यदि जनसंख्या लगातार बढ़ती रहेगी तो हमारे लिए आवश्यक संसाधन कम हो जाएंगे। बेहतर शासन व सर्वोत्तम संभव मॉडलों के क्रियान्वयन के बिना हम सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को हासिल नहीं कर सकते हैं।
इससे पूर्व आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट, डॉ. पंकज गुप्ता द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी का रिसर्च पर विषेश फ ोकस है। उन्होंने यह भी बताया कि आपसी सहयोग के लिए साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क किस प्रकार एक आदर्श माहौल बना रहा है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा अपनी शुरूआत से ही हैल्थकेयर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रिसर्च किए जा रहे हैं। इन रिसर्च से हमें हमारा पाठ्यक्रम बनाने में मदद मिलती है और ये सरकारी नीतियों पर भी प्रभाव डालते हैं। इस प्रकार की बैठकें आपसी सहयोग के लिए मंच प्रदान करती हैं।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रो-प्रेसीडेंट व ट्रेनिंग के डीन व साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क के सचिव, डॉ. पी. आर. सोढानी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में विश्व स्तर पर तेजी से हो रहे परिवर्तन को देखते हुए स्वास्थ्य प्रणाली को प्रबंधित करने के लिए प्रोफेशनल मैनेजमेंट व प्रशिक्षित ह्यूमन रिसोर्स की आवष्यकता है। डिमांड व सप्लाई में तालमेल बनाए रखते हुए पब्लिक हैल्थ प्रोफेशनल्स की भूमिका को बदलने की भी आवश्यकता है। विशेष रूप से यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज को एडवांस बनाने, नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज की रोकथाम, साझेदारी व सहयोग बनाने तथा रिसर्च एजेंडा के साथ स्वास्थ्य प्रणालियों की स्थापना किए जाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर हैल्थ सिस्टम मैनेजमेंट पर अपने एकमात्र फ ोकस के लिए और हैल्थकेयर व इससे संबंधित क्षेत्रों में योगदान के लिए जानी जाती है। इसकी ओर से 14 से 17 फ रवरी 2017 को होटल क्लाक्र्स आमेर, जयपुर में 'लीवरेजिंग साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक हैल्थ एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क टू प्रमोट यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज एंड अचीविंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स बाय 2030' विषय पर इंटरनेषनल कॉन्फ्रें स आयोजित की गई थी। इसका उद्घाटन समारोह आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 13 फ रवरी, 2017 को आयोजित किया गया था, जबकि अगले दिनों में होटल क्लाक्र्स आमेर में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया था। इस कॉन्फ्रें स में डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ के सात सदस्य देश एक मंच पर जुटे थे।
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