पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ जयपुर में मुख्य न्यायाधीश श्...
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर खंडपीठ जयपुर में मुख्य न्यायाधीश श्री इंद्रजीत मोहंती एवं जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश दिए।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन ने राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड में वीडियो वाल की खरीद में हुए फर्ज़ीवाड़े को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका पेश की थी । अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी एवं डॉ टी एन शर्मा ने कोर्ट को बहस करते हुए बताया कि सन 2016 एवं 2017 में करीब 100 करोड़ खर्च कर लगभग 300 वीडियो वाल राजकॉम्प के द्वारा खरीदी गयी जिनमे भारी घोटाला हुआ है इस खरीद मे एक ही दिन मे दो अलग अलग कंपनियों से अलग अलग दरो पर सामान खरीदा गया तथा समय पर सामान सप्लाई न करने पर भी कोई जुर्माना नही लगा कर निजी कंपनियों को करीब 2.5 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। यही नही सभी सामान की तीन साल कई गारंटी होने के बावजूद करोडो रुपये मेंटिनेंस के नाम पर निजी कंपनियों को दिए गए एवं ऐसी जगह पर भी 18 वीडियो वाल लगा दी गई जहा पर बिजली का कनेक्शन एवं इंटरनेट सुविधा नही थी और इस प्रकार करीब पांच करोड़ रुपए का सरकारी नुकसान करके प्राईवेट कम्पनियों को लाभ पहुंचाया जो की पूरी तरह से जनता के पैसे का दुरूपयोग है । CAG ने अपनी जाँच में इन सभी शिकायतों की पुष्टि की । इस पर पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने ACB में इस फर्ज़ीवाड़े की शिकायत की मगर ACB ने भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। न्यायालय ने सुनवाई के बाद भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक, राज़कॉम्प् के पूर्व तकनीकी निदेशक उदय शंकर, संयुक्त निदेशक विजय प्रकाश, उप निदेशक वेद प्रकाश, वित्त अधिकारी कौशल सुरेश गुप्ता सहित आठ लोगों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह मे जबाब तलब किया है।
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