कोटा। यह जरूरी नहीं कि एक होशियार छात्र ही परीक्षा में टॉप करता है। हो सकता है कि कई बार फेल हुए स्टूडेंट्स भी परीक्षा में अव्वल...
कोटा। यह जरूरी नहीं कि एक होशियार छात्र ही परीक्षा में टॉप करता है। हो सकता है कि कई बार फेल हुए स्टूडेंट्स भी परीक्षा में अव्वल आए। जी हां, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हरियाणा के राहुल यादव ने। नीट परीक्षा में 720 में से 680 अंक लाने पर राहुल यादव जब कोटा में मोशन इंस्टीट्यूट पहुंचे तो उनका अभिनंदन किया गया। राहुल बताते है कि अपनी असफलताओं से सभी निराश होते है और हारकर अपना लक्ष्य हासिल करने का इरादा बदल देना तो बहुत आसान है। लेकिन, उन असफलताओं पर विजय पाना उतना ही मुश्किल। राहुल ने बताया कि वह जब कक्षा 6 में फैल हुआ। इसके बाद कक्षा 7 में बड़ी मुश्किल से पास हो पाया और कक्षा 8 में फिर से फैल हो गया। बड़े होकर भी असफलताओं ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। लेकिन लक्ष्य के प्रति उसकी जिद ने आज उसके डॉक्टर बनने के सपने को पूरा कर दिखाया।
तीसरी बार में हासिल किए नीट में 680 अंक
राहुल ने बताया कि उनके परिवार में कोई जानता भी नहीं है कि नीट क्या होता है। एक सामान्य छात्र होने के कारण कभी उसने भी नहीं सोचा था की वह कोटा आकर नीट की तैयारी करेगा। फिर उसने कहीं से नीट के बारे में सुना और उसके बारे में पता किया। तब उसके मन में उत्साह जागृत हुआ और उसके बाद तो राहुल ने ठान लिया की अब यही उसका लक्ष्य है। वह कोटा आ गया और पहली बार में उसका परिणाम बेहतर नहीं रहा। केवल 325 अंक हासिल हुए। दूसरी बार में 551 अंक स्कोर किया। हालांकि इस स्कोर पर उसे अच्छी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल जाता, लेकिन उसने और अच्छे अंक लाने की ठानी। इसके बाद राहुल ने मोशन के साथ तैयारी शुरु की और हालही में जारी नीट परीक्षा में उसने 680 अंक हासिल किए।
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