जी हां सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है ....जयपुर शहर के यूनिक मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने भगवान महावीर जयंती ...
जी हां सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है ....जयपुर शहर के यूनिक मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष में एक अनूठी कलाकृति बनाई है ....यह कलाकृति कोई मिट्टी या किसी पत्थर पर नहीं बनाई गई, बल्कि पेंसिल की नोक पर बनाई गई है... नवरत्न प्रजापति ने भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष में भगवान महावीर की मूर्ति को पेंसिल की नोक पर बनाकर एक अनूठा कारनामा कर दिखाया है....पेंसिल की नोक पर बनाई गई भगवन महावीर की मूर्ति की ऊंचाई मात्र सिर्फ 0.5 सेंटीमीटर है....नवरत्न प्रजापति को इस मूर्ति को बनाने में करीब 6 दिन का वक्त लगा।नवरत्न भगवान महावीर की इस मूर्ति को बनाने के लिए सुबह 10:00 बजे काम पर जुट जाता था ...और रात को करीब 8:00 बजे तक इस पर अपने कलाकारी से इसे निखरता रहता था....हालांकि इस मूर्ति को बनाने में नवरत्न को काफी पसीना बहाना पड़ा... चार बार मूर्ति का 90% तक काम भी पूरा हो गया... लेकिन यह मूर्ति खीर खिलाकर टूट गई...हालांकि फिर भी नवरत्न प्रजापति ने हार नहीं मानी ....और उन्होंने 6 दिन में इस मूर्ति को बनाकर एक अनूठी सफलता हासिल की....नवरत्न प्रजापति का इस मूर्ति को बनाने का उद्देश्य देशवासियों और मानव जाति को महावीर जी के सिद्धांतों की पालना कराना ....और मनुष्य को हिंसा का मार्ग छोड़ कर अहिंसा के मार्ग पर ले जाना है....साथ ही इस कलयुग में सत्य के कदम पर चलना, पशु पक्षियों पर दया प्रेम दिखाना यही मूर्ति का नवरत्न प्रजापति का उद्देश्य है...नवरत्न प्रजापति को इस बात का मलाल है कि वह इस मूर्ति को जैन समाज को समर्पित करना चाहते हैं ...लेकिन लॉक डाउन लग जाने की वजह से वह इस मूर्ति को समर्पित कर पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं...इससे पहले भी नवरत्न प्रजापति ने चने की दाल पर मोटरसाइकिल, सबसे छोटी लालटेन, पेंसिल की नोक पर महाराणा प्रताप, वल्लभभाई पटेल, गणेश जी की प्रतिमा बना चुके हैं ...यहां तक कि एक पेंसिल पर 101 कड़ी की चैन भी नवरत्न प्रजापत ने बनाकर गिनीज बुक, लिम्का बुक, यूनिक बुक और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है....
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