नवगठित नगरपालिका में शामिल की गयी पूर्ण ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या सर्वाधिक है, के सरपंच को नवगठित नगरपालिका का अध्यक्ष तथा पूर...
नवगठित नगरपालिका में शामिल की गयी पूर्ण ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या सर्वाधिक है, के सरपंच को नवगठित नगरपालिका का अध्यक्ष तथा पूर्ण ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या द्वितीय है,का सरपंच उपाध्यक्ष होगा
जयपुर, 01 जून। राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राज्य की किसी क्षेत्र को नगरपालिका घोषित किये जाने पर नगरपालिका घोषित किये गये ग्राम के ऐसे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सरपंच, उपसरपंच और पंच या पंचो को ऐसे क्षेत्र के लिए घोषित नगरपालिका का क्रमशः अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और यथास्थिति सदस्य समझा जाऐगा, का प्रावधान है, किन्तु नगरपालिका क्षेत्र घोषित किये गये क्षेत्र में एक से अधिक ग्राम पंचायत को शामिल किये जाने पर किस ग्राम पंचायत के सरपंच/उपसरपंच को नगरपालिका घोषित किये गये क्षेत्र का अध्यक्ष/उपाध्यक्ष समझा जावें, के संबंध में अधिनियम में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
इस संबंध मे नगरीय विकास आवसन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशों पर विभाग द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है जिसमे राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 3 की उपधारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश दिये गये है कि
1. नवगठित नगरपालिका में एक पूर्ण ग्राम पंचायत एवं एक या एक से अधिक आंशिक ग्राम पंचायत के शामिल किये जाने की स्थिति में नवगठित नगरपालिका में शामिल किये गये पूर्ण ग्राम पंचायत के सरपंच एवं उपसरपंच को नवगठित नगरपालिका का अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा शेष वार्ड पंचों तथा आंशिक ग्राम पंचायत/पंचायतों के वार्ड पंचों को सदस्य समझा जावेगा।
2. नवगठित नगरपालिका में दो या दो से अधिक पूर्ण ग्राम पंचायत एवं एक या एक से अधिक आंशिक ग्राम पंचायत के शामिल किये जाने की स्थिति में नवगठित नगरपालिका में शामिल की गयी पूर्ण ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या सर्वाधिक है, के सरपंच को नवगठित नगरपालिका का अध्यक्ष तथा नवगठित नगरपालिका में शामिल की गयी पूर्ण ग्राम पंचायत जिसकी जनसंख्या द्वितीय है, के सरपंच को नवगठित नगरपालिका का उपाध्यक्ष तथा शेष ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच, शेष वार्ड पंचों तथा आंशिक ग्राम पंचायत/पंचायतों के वार्ड पंचों को सदस्य समझा जावेगा।
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