-बाड़मेर सेक्टर में 146 जवान हुए कोरोना से संक्रमित। -रेतीली आंधियों एवं 50 डिग्री तापमान में सरहद पर मुस्तैद है बीएसएफ के जवान।...
-रेतीली आंधियों एवं 50 डिग्री तापमान में सरहद पर मुस्तैद है बीएसएफ के जवान।
बाड़मेर, 13 जून। सीमा सुरक्षा बल के जवायों के जज्बे को कोरोना नहीं डिगा पाया। कोविड-19 से निपटने के लिए सेक्टर मुख्यालय से सीमा चौकियों तक पुख्ता इंतजाम किए गए। मास्क एवं सेनेटाइजर के इस्तेमाल के साथ कड़ाई से गाइड लाइन की पालना का नतीजा बेहद सुखद रहा। इसकी बदौलत सीमा सुरक्षा बल के जवान कोरोना के अटैक का करारा जबाव देने में सफल रहे।
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते इसकी रोकथाम सीमा सुरक्षा बल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। अवकाश से लौटने वाले जवानों एवं अधिकारियों के साथ किसी कार्य से बाजार अथवा सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले जवानों एवं परिजनों तथा बाहरी लोगों की कैम्पस में आवाजाही से संक्रमण का खतरा था। इन सारे पहलूओं को भांपते हुए सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने कोविड-19 से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए। बीएसएफ का अधिकारी हो अथवा जवान, सबके लिए एक समान मापदंड निर्धारित किए गए। बाहर से लौटने वाले कार्मिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित किए गए। क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण होने के बाद ही संबंधित कार्मिक की सेवाएं ली गई। बाहरी लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगाने के साथ जवानों एवं उनके परिजनों को पाबंद किया गया कि बेहद आवश्यक होने अथवा चिकित्सकीय कार्य होने पर ही बाहर जाएंगे। गाइड लाइन की कड़ाई से पालना सेक्टर मुख्यालय से सीमा चौकी तक करवाई गई। इसके बेहतर नतीजे आने के साथ सीमा सुरक्षा बल के जवान कोविड-19 को करारी मात देने में सफल रहे। जवानों को नींबू पानी, छाछ, दही उपलब्ध कराने के लिए योगाभ्यास करवाया गया।
बाड़मेर सेक्टर में 146 जवान संक्रमितः सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक विनीत कुमार के मुताबिक बाड़मेर सेक्टर में 146 जवान कोविड-19 से संक्रमित हुए। गाइड लाइन की पालना एवं चिकित्सकीय उपचार से समस्त जवान को कोरोना को मात देने में सफल रहे। हालांकि यह दुखद पहलू यह भी रहा कि एक जवान की ब्लैक फंगस की वजह से मृत्यु हो गई। उप महानिरीक्षक कुमार के मुताबिक कोविड-19 से निपटने के लिए गाइड लाइन की कड़ाई से पालना करवाई जा रही है।
कोरोना को हराया, डयूटी पर लौटेः सीमा सुरक्षा बल के जवानों को देश सेवा के जज्बे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वे कोरोना को हराने के तत्काल बाद वापिस डयूटी पर लौटे। उन्होंने अपने घर जाने के बजाय देश सेवा को प्राथमिकता दी।
हर चुनौती से निपटने में सक्षम है जवानः सीमा सुरक्षा बल के जवानों के मुताबिक उनको इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है कि वे हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। रेतीली आंधियों, 50 डिग्री तापमान, रात में सांप एवं बिच्छुओं का डर,उनके हौंसले को नहीं डिगा पाता है। जवान बताते है कि मौसम और हालात कैसे भी, उनके लिए देश सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है।
गाइड लाइन की पालना अनिवार्यः कोविड-19 से निपटने के लिए गाइड लाइन की पालना की अनिवार्यता से पालना करवाई गई। बाहर से आने वाले प्रत्येक कार्मिक के हाथों को सेनेटाइजर करवाने के साथ थर्मल स्क्रीनिंग एवं ऑक्सजन लेवल जांच करने के बाद प्रवेश दिया गया। बाहर से कैम्पस में आने वाले वाहनों का सैनेटाइजेशन किया गया।
कार्मिको का वैक्सिनेशनः कोविड-19 से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल के समस्त कार्मिको एवं उनके परिजनो का वैक्सिनेशन करवाया गया है। इसके लिए कैम्पस परिसर में टीकाकरण शिविर आयोजित किए गए।
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