राजस्थान हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई में दिया आदेश जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में वन विभाग, ओरण व मंदिर की भूमि पर बसी कच्ची...
राजस्थान हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई में दिया आदेश
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में वन विभाग, ओरण व मंदिर की भूमि पर बसी कच्ची बस्तियों के अतिक्रमण व निर्माण को नियमित करने के साथ ही पट्टे जारी करने पर रोक लगा दी है। जोधपुर के नागरिक रामजी व्यास की जनहित याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता रामजी व्यास की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने बताया कि जोधपुर शहर के आसपास 7 वन खंड की भूमि है। जिस पर पिछले 21 सालों से स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रभावशाली लोगों ने भी कब्जे कर लिए हैं। हालात यह है कि 40 अवैध बस्तियां आबाद हो गई हैं, जिन पर करीब 30 लोगों ने कब्जा कर लिया है, यह भूमि करोड़ों रुपए की है। इसमें अतिक्रमियों के अलावा कई विभागों का हाथ भी है। लोग अतिक्रमण करते हैं, डिस्कॉम उन्हें बिजली व जलदाय विभाग पानी कनेक्शन और जेडीए पट्टे दे रहा है। वहीं नगर निगम नियमित करता जा रहा है। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी मौन साधे बैठे केवल कागजी कार्रवाई कर रहे हैं।
*कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को विस्तृत जवाब के लिए दिया*
याचिका में जिला कलेक्टर जोधपुर, वन विभाग, जेडीए, निगम, डिस्कॉम व जलदाय विभाग के अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया। याचिकाकर्ता ने मांग की कि अतिक्रमियों के बिजली-पानी कनेक्शन काटे जाएं और वन विभाग तत्काल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करें। पूर्व में सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया था। सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने विस्तृत जवाब के लिए समय चाहा, जिस पर न्यायालय ने समय देते हुए वन व ओरण जमीन पर बसी कच्ची बस्तियों के नियमितीकरण पर रोक लगा दी।
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