प्रदीप शेखावत जयपुर। ई-ग्रास की आड़ में पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगाने और लोगों को ठगने के मामले में जो ...
जयपुर। ई-ग्रास की आड़ में पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगाने और लोगों को ठगने के मामले में जो 676 प्रकरण चिह्नित हुए हैं उसमें से 209 के तार जयपुर के एक स्टॉप वेंडर परिवार से जुड़े हैं। इस परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम से स्टांप वेंडिंग के लाइसेंस जारी है। वहीं, वेंडर के नजदीकियों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में 2 महंगी कार वेंडर ने खरीदी थी और विभाग के अधिकारियों के साथ अच्छा उठना बैठना भी था।
जयपुर के मुरलीपुरा निवासी सुभाष योगी सहित चार स्टांप वेंडिंग के चार लाइसेंस होल्डर ने ही मिलकर 209 ने जाली चालान के जरिये विभाग व रजिस्ट्री करवाने वालों को चूना लगा दिया। 4 लाइसेंस से 209 प्रकरण में स्टांप खरीद के नाम जारी करवाए गए पुराने चालानों में हेराफेरी कर रजिस्ट्रियों में चुकाई जाने वाली स्टांप ड्यूटी के नए दस्तावेजों में उपयोग किया गया है। सुभाष योगी के नाम ऐसे 88 चालान हैं जबकि रमेशचंद योगी के 36, मीनाक्षी के नाम 35 और पवन के नाम से जारी 50 चालान में जालसाजी व हेरफेर कर रजिस्ट्रियों में उपयोग किया गया है। इसके अलावा स्टांप वेंडर रोहित चौधरी के 58, राकेश कुमार गुप्ता के 22 और राकेश कुमार जैन के 60 प्रकरण में जाली चालान के मामले सामने आए हैं।
प्रकरण एक e-Challan
रमेशचंद योगी, मुरलीपुरा जयपुर ने 15 अप्रेल 2015 को ई चालान के जरिये स्टांप खरीदने के लिए डीआईजी स्टांप जयपुर सर्किल प्रथम के नाम कुल 55 हजार 510 व 990 रुपए, कुल 56 हजार 500 जमा करवाए चालान 15 अप्रेल 2015 से 30 अप्रैल 2015 तक के लिए मान्य था। जिसका जीआरएन नंबर 0005885965 है।
यूंकी जालसाजी
इसी जीआरएन नंबर 0005885965 के चालान की कॉपी में तारीख से लेकर रकम और अन्य एंट्रीज में फेरबदल कर एक रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी का भुगतान बता दिया। जाली चालान में केवल जीआरएन मूल चालान का है। इसमें 20 मई 2019 को स्टॉप शुल्क सहित उस पर सेस और रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि की रकम के 55 हजार 510 रुपए अंकित कर रजिस्ट्री के साथ पेश कर दिया।
प्रकरण दो e-Challan
सुभाष योगी, वैशालीनगर जयपुर ने 21 दिसंबर 2018 को स्टांप खरीदने के लिए डीआईजी स्टांप जयपुर सर्किल प्रथम के नाम से ई चालान के जरिये 53 हजार 460 व 540 रुपए कुल मिलाकर 54 हजार रुपए जमा करवाए थे। यह चालान 1 अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2019 तक के लिए मान्य था। जिसका जीआरएन नंबर 0027045862 है।
यू की जालसाजी :
जीआरएन नंबर 0027045862 के चालान को एक रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी सहित सेस, रजिस्ट्रेशन शुल्क व अन्य चार्ज के लिए 63 हजार 460 रुपए का भुगतान 20 मई 2019 को करना दर्शाते हुए रजिस्ट्री करवाने वालों के साइन व अंगूठा निशानी कर मूल रजिस्ट्री के साथ सब रजिस्ट्रार संख्या चार जयपुर सिटी के समक्ष पेश किया जिसके आधार पर रजिस्ट्री हो गई।
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