डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के आह्वान पर हजारों निवेशकों व सहारा कर्मियों ने 25,000 करोड़ रूपए वापस न करने पर सेबी के विरुद्ध रैली निकाली...
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के आह्वान पर हजारों निवेशकों व सहारा कर्मियों ने 25,000 करोड़ रूपए वापस न करने पर सेबी के विरुद्ध रैली निकाली
निवेशकों और सहारा कर्मियों ने सेबी के विरोध में आगरा-जयपुर हाईवे भी जाम किया
जयपुर, 13 जून, 2022: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यसभा सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के आह्वान पर हज़ारों लोगों ने जिनमें सहारा इंडिया परिवार के निवेशक व कार्यकर्ता शामिल थे, आज सेबी के विरुद्ध सहारा के रुपए 25,000 करोड़ बिना औचित्य के अपने पास रखने के मुद्दे पर रैली निकाल कर एवं आगरा-जयपुर हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में भारी संख्या में लोगों ने सेबी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रैली बस्सी चौक से भवानी सिंह रोड, जयपुर स्थित सेबी कार्यालय तक निकाली गयी तथा सेबी के अधिकारियों को अपनी मांग व ज्ञापन देकर त्वरित कार्यवाही की मांग की गई।
सहारा ने सेबी के पास रुपए 25,000 करोड़ (मय ब्याज) से अधिक जमा करवा रखे हैं ताकि उसके निवेशकों को उनका धन वापस मिल सके। लोकसभा में सेबी ने यह स्वीकार किया है कि उसने क्षेत्रीय व राष्ट्रीय समाचार पत्रों में 4 बार विज्ञापन दिये हैं और उसके बाद भी विगत् 9 वर्षों में उसने निवेशकों को मात्र रुपए 125 करोड़ का ही भुगतान किया है। मार्च, 2018 में सेबी ने साफ-साफ कह दिया था कि वह जुलाई, 2018 के बाद निवेशकों की किसी भी धन वापसी याचिका पर विचार नहीं करेगा। ये रुपए 25,000 करोड़ सहारा द्वारा सेबी को निवेशकों का भुगतान करने के लिए ही दिए गए हैं और माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस कार्य के सम्पन्न होने के पश्चात् सेबी को शेष धन सहारा को वापस करना है। सेबी ने यह धन अपने पास फंसा रखा है और हाथ पर हाथ धरे बैठा है। सेबी का यह कृत्य निवेशकों और कर्मियों के हितों के विरुद्ध है।
इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यसभा सदस्य, भारतीय जनता पार्टी ने कहा, ‘‘सेबी ने सहारा के रुपए 25,000 करोड़ अपने पास फंसा कर रखे हैं। विगत् 9 वर्षों में सेबी ने इस विशाल धनराशि से कुछ भी नहीं किया है। बेकार पड़ी यह धनराशि करोड़ों निवेशकों के हितों को चोट पहुंचा रही है, जो कि उनके खून-पसीने की कमाई है, साथ ही सेबी का यह कृत्य सहारा के 14 लाख कर्मियों पर भी आघात है। यह हमारे देश की आर्थिक प्रगति को भी नुकसान पहुंचा रहा है। यदि सेबी ने तुरंत ही इस मामले को सुलझाने का काम नहीं किया तो यह मुद्दा सरकार के भीतर विभिन्न स्तरों पर उठाएंगे और यदि आवश्यकता हुई तो मैं इस मुद्दे को माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार व माननीय प्रधानमंत्री के सम्मुख भी रखूंगा।‘‘
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यह मुद्दा भी उठाया कि सहारा के करोड़ों निवेशकों तथा 14 लाख कर्मियों का किसी न किसी योजना के माध्यम से सहारा से जुड़ाव है। वे पिछले 40 वर्षों से सहारा से कमाई कर रहे हैं। परंतु सेबी के पास यह जो रुपए 25,000 करोड़ व्यर्थ पड़े हैं, इससे सहारा के निवेशकों को अपने जीवन में भारी व गंभीर आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि दूसरी ओर सेबी के निष्क्रिय होने से सहारा की कंपनियों की चल-अचल संपत्तियों पर जो प्रतिबंध लगा हुआ है उसके कारण सहारा यदि कोई भी संपत्ति बेचता है या गिरवी रखता है तो समस्त धनराशि सेबी-सहारा खाते में ही जाएगी। इससे सहारा के 14 लाख कर्मियों का भी भविष्य अंधकार में है। उनकी ज़िंदगियाँ थम गयी हैं और उनमें से बहुत से लोग भुखमरी और बेरोज़गारी के कगार पर खड़े हैं।
ये निवेशक व कर्मी वर्तमान परिस्थिति के शिकार हैं। जब सेबी के पास किसी निवेशक के लिए कोई भी लम्बित पेमेंट नहीं है तब उसे या तो पूरा धन सहारा को वापस कर देना चाहिए ताकि जनता को उनका धन लौटाया जा सके या फिर सेबी को स्वयं निवेशकों को उनका धन अविलम्ब लौटाना शुरू कर देना चाहिए ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेबी ने सहारा के रुपए 25,000 करोड़ अपने पास फंसा रखे हैं और वह हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
COMMENTS