जयपुर। फैशन के इस दौर में भले ही पहनावा काफी बदल गया हो लेकिन सावन के महीने में पहने जाने वाला लहरिया, झूले और पारंपरिक गीत आज भ...
जयपुर। फैशन के इस दौर में भले ही पहनावा काफी बदल गया हो लेकिन सावन के महीने में पहने जाने वाला लहरिया, झूले और पारंपरिक गीत आज भी लोगों के दिलों में है। सावन में महिलाएं आज भी लहरिया को बड़े उत्साह से पहनती है। इन दिनों महिलाओं के अलग अलग समूह सावन के लहरिया उत्सव मना रहे हैं। शुक्रवार शाम को सद्भावना फाउंडेशन और विप्र फाउंडेशन की ओर से लहरिया महोत्सव का आयोजन किया गया। सदभावना परिवार के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि इस महोत्सव में 200 से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया। महोत्सव के दौरान महिलाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। जिनमें अंताक्षरी प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता तथा रैंपवॉक प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण थी। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
शिफाली गर्ग चुनी गई लहरिया क्वीन 2022
सौभाग्य और सुकून के महीने सावन में मनाए गए इस लहरिया महोत्सव में नवयुवतियों ने बड़े उत्साह से हिस्सा लिया। रैम्प वॉक में कुल 45 प्रतियोगी शामिल हुई। इस प्रतियोगिता में शिफाली गर्ग ने लहरिया क्वीन 2022 का खिताब जीता। स्वाति जैन और मोनालिक उपविजेता रही। डिंपल जैन सेल्फी क्वीन चुना गया।
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