जयपुर। श्रावण मास के चलते वैदिक धर्म संस्थान, आर्ट आफ लिविंग द्वारा श्री श्री रविशंकर आश्रम, जयपुर में रूद्र पूजा का आयोजन किया ...
जयपुर। श्रावण मास के चलते वैदिक धर्म संस्थान, आर्ट आफ लिविंग द्वारा श्री श्री रविशंकर आश्रम, जयपुर में रूद्र पूजा का आयोजन किया गया। रूद्र पूजा के लिए बैंगलोर आश्रम से पधारे स्वामी विश्वेश्वरा जी , स्वामी अशोक भैया जी एवम वैदिक पंडितों के द्वारा पूरे वैदिक मंत्रोच्चार एवम विधि विधान से संपन्न की गई।
कार्यक्रम की शुरूआत गुरू पूजा से की गई। इसके बाद भगवान शिव के रूद्र रूप की पूजा आरंभ हुई। बैंगलौर से आए वेदाचार्यों ने वैदिक मंत्रोचारण के साथ माहौल को शिवमय बना दिया। स्वामी जी ने रूद्र पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रुद्र पूजा भारत की एक प्राचीन पद्धति है जिसका युगों युगों से अनुसरण किया जाता रहा है।’ रुद्र’ का अर्थ है शिव जो कल्याणकारक भी हैं एवम दुश्विनाशक भी।पूजा का अर्थ है वो जो पूर्णता से उत्पन्न होती है। विश्व में सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनो तरह की उर्जा विद्यमान है। हम जब भगवान शिव की पूजा करते हैं तो हमारे आसपास मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा ,शांति, स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता में बदल जाती है तद्नांतर हमारे शरीर मन और आत्मा में शांति अधिष्ठापित हो जाती है।
वैदिक धर्म संस्थान राजस्थान कोऑर्डिनेटर सुनीता राठौड़ ने बताया कि पूरे जयपुर के साथ प्रदेश भर में श्रावण मास के दौरान प्रतिदिन दो से तीन रूद्र पूजाएं की जा रही है और पूरे श्रवण मास में विभिन्न स्थानों में करीब 300 रुद्र पूजाएं की जाएंगी ।
आर्ट आफ लिविंग के भजन गायक शंकर भैया ने एक के बाद एक शिव भजन गाकर उपस्थित श्रद्वालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया और पूरा वातावरण शिवमय हो उठा ।
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