जयपुर । उदयपुर के खान निदेशक के. बी. पांड्या (आईएएस) शुक्रवार को सेवानिवृत होंगे। उनका चार्ज किसी आईएएस अफसर को देने के बजाय अब ...
जयपुर । उदयपुर के खान निदेशक के. बी. पांड्या (आईएएस) शुक्रवार को सेवानिवृत होंगे। उनका चार्ज किसी आईएएस अफसर को देने के बजाय अब खनन विभाग के जूनियर अफसरों को सौंपने की तैयारी चल रही है। इस कुर्सी को लेकर विभागीय अफसरों और आईएएस के बीच खींचतान भी चल रही है।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश के खनन क्षेत्रों में लगातार घोटाले उजागर होने के बाद पिछले 4-5 सालों से उदयपुर के खनन निदेशक के पद पर आईएएस अधिकारियों को ही लगाया जा रहा है। वर्तमान में कुंजबिहारी पांड्या इस पर पद अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शुक्रवार को उनकी सेवानिवृति है, ऐसे में अब खनन विभाग के जूनियर अफसर अपनी सांठगांठ लगाकर हर हाल में इस कुर्सी को पाने की कोशिशों में जुए है।
खनन विभाग के सूत्रों के मुताबिक उदयपुर खनन निदेशक की कुर्सी पर उन जूनियर अफसरों को बिठाने की तैयारी चल रही है, जो कि दागी भी और हाल ही में पदोन्नत हुए है। जबकि सीनियर अफसरों के अनुभव को दरकिनार करके उन्हें एपीओ (आदेशों की प्रतीक्षा में बैठा रखा है।
यह वरिष्ठ अधिकारी इस बात का दंश झेल रहे हैं, क्योंकि इन्होंने करीब 8 से 10 हजार करोड़ रुपये के खनन घोटाले उजागर करके राज्य सरकार को राजस्व का चूना लगने से बचाया। अब जैसे ही खनन निदेशक के पद पर आईएएस अधिकारी के बजाय जूनियर विभागीय अफसरों को चार्ज सौंपने की बात चली तो सीनियर अफसरों में इसे लेकर नाराजगी उभर आई है। हालांकि कोई खुलकर तो नहीं बोल रहा है, लेकिन इनका कहना है कि खनन निदेशक के जिम्मेदार पद पर या तो सीनियर अफसरों को मौका मिले, अन्यथा आईएएस अफसरों को ही इस पर लगाया जाये। जूनियर और दागी अफसरों के नीचे कोई भी वरिष्ठ अधिकारी काम नहीं करेगा।
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