नई दिल्ली, 18 मार्च, 2023- भारत और ब्राजील की अग्रणी पावर ट्रांसमिशन कंपनी स्टरलाइट पावर को राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली क...
नई दिल्ली, 18 मार्च, 2023- भारत और ब्राजील की अग्रणी पावर ट्रांसमिशन कंपनी स्टरलाइट पावर को राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से बिजली की सप्लाई के लिए ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट का ठेका दिया गया है। यह प्रोजेक्ट पार्ट-जी के तीसरे चरण के तहत किया जाना है। इस परियोजना के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के तहत बोली लगाई गई थी स्टरलाइट पावर को पावर फाइनेंस कॉर्पाेरेशन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड से इस बारे में आशय पत्र प्राप्त हो गया है। यह प्रोजेक्ट बीओओटी (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर) के आधार पर पूरा किया जाएगा और इसकी अवधि 35 साल होगी।
संपूर्ण ट्रांसमिशन सिस्टम दरअसल बिजली मंत्रालय द्वारा 2022 में जारी रोडमैप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रोडमैप 2030 तक राष्ट्रीय ग्रिड में 500 GW आरई क्षमता से अधिक के एकीकरण से संबंधित है। इस प्रोजेक्ट में राजस्थान में फतेहगढ़ थ्री से ब्यावर तक 350 KM, 765 kV ट्रांसमिशन कॉरिडोर का निर्माण शामिल होगा। साथ ही, यह प्रोजेक्ट राज्य के फतेहगढ़ (9.1 GW), भादला (8 GW) और रामगढ़ (2.9 GW) क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों से अक्षय ऊर्जा के 20 GW के एक हिस्से की निकासी को सक्षम करेगा।
इस बिड को हासिल करने पर टिप्पणी करते हुए स्टरलाइट पावर के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रतीक अग्रवाल ने कहा, ''हम एक और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को हासिल करते हुए बहुत खुशी का अनुभव कर रहे हैं। यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो भारत में ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह देश में हमारी अठारहवीं ट्रांसमिशन परियोजना है, और अपनी मजबूत क्षमताओं और अनुभव के साथ, हम राष्ट्र को एक और विश्व स्तरीय संपत्ति देने के लिए तैयार हैं।''
यह कंपनी की दूसरी हरित ऊर्जा परियोजना है और राजस्थान राज्य में पहली है। हाल ही में स्टरलाइट पावर ने गुजरात में अपनी पहली हरित ऊर्जा परियोजना, यानी लकड़िया-वड़ोदरा पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को शुरू किया है। 300 KM लंबी यह परियोजना अपनी स्थापना के बाद से अक्षय ऊर्जा समृद्ध राज्य गुजरात से भारतीय राष्ट्रीय ग्रिड को 5,000 MW विश्वसनीय और हरित ऊर्जा की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह आज तक भारत में निर्मित सबसे बड़े ट्रांसमिशन कॉरिडोर में से एक है।
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