बदलते हुए सामाजिक परिदृश्य को घहराई से देखना , समझना और उसे अपने तमाम कालरूपो में उतार देना आज के कलाकारों के लिए चुनौती भी है औ...
बदलते हुए सामाजिक परिदृश्य को घहराई से देखना , समझना और उसे अपने तमाम कालरूपो में उतार देना आज के कलाकारों के लिए चुनौती भी है और इसे लेकर दिलचस्पी भी हैं ! ऐसा ही एक उदारण ओसिया के भाकरी की मनीषा बिश्नोई ने अपने समाज और समाज की पुरानी संस्कृति एवं वेशभूषा को अलग अलग रूप में पेश कर समाज में सामाजिक सोच को बढ़ाने की कोशिश की हैं !! मनीषा बिश्नोई का कहना हैं की उनके पिता ( माधाराम ) एक शिक्षक है जो हमेशा बचपन से उन्हें समाज और समाज की संस्कृति का पाठ पढ़ाते आये है। उनका कहना है की अपनी संस्कृति एवं वेशभूषा को सोशल मीडिया के माध्यम से देश विदेश तक पहुँचा कर एक नई चेतना और दृष्ठि के साथ आगे बढ़ते हुए देखना उन्हे समाज के प्रेरित करता है और अपनी कला के ज़रिये बदलते युग में अपने समाज की पुरानी संस्कृति एवं वेशभूषा को बढ़ावा देना उन्हें अच्छा लगता है। बिश्नोई समाज की संस्कृति को दिखाने कि लिए वेशभूषा एवं पुरानी ज्वैलरी के साथ साथ पुराने कल्चर में ढलने के काफ़ी मेहनत का और चुनौतीयो का सामना करना पढ़ा ,लेकिन उन्हें इंस्टग्राम और फ़ेसबुक पर रिल्स वीडियोज़ देख लोगो से काफ़ी सराहनाएँ एवं सुभकामनाएँ मिली है !
मनीषा बिश्नोई का कहना हैं की अपनी संस्कृति को दिखाने के साथ साथ नई पीढ़ी के कलाकारों को सामाजिक और कलात्मक दृष्टि से विकसित करना है ! बता दें कि मनीषा बिश्नोई स्नातक के साथ साथ फैशन डिज़ाइनर और योगा ट्रेनर भी हैं !!
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