सामाजिक सरोकार और जनहित की पहल, केरल के विझिंजम में एक अलग ही मिसाल पेश कर रही है। सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के जरिए अदाणी ...
सामाजिक सरोकार और जनहित की पहल, केरल के विझिंजम में एक अलग ही मिसाल पेश कर रही है। सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के जरिए अदाणी फाउंडेशन ने विझिंजम में कोविड महामारी के दौरान एक सामुदायिक स्वयंसेवक मंच की शुरूआत की थी जो समाजिक जिम्मेदारियों के प्रति आज भी समर्पित है। इसी मंच ने अब सरकार और वंचित वर्ग के बीच तकनीक के जरिए एक महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित की है जिससे लोग सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस साल अदाणी फाउंडेशन ने 46 स्वयंसेवक महिलाओं को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है और इनके जरिए सरकारी योजनाओं से एक हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है ताकि उन्हें इसका फायदा मिल पाए। काम मुश्किल है लेकिन फाउंडेशन की टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और प्रयास शुरु कर दिए हैं साथ ही उन्हें लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। वंचित वर्ग के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उन्हें अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा जा रहा है।
बच्चों के प्रति उत्तरदायित्व और बढ़ जाता है। इसके लिए विझिंजम में सरकारी योजना और बच्चों से संबंधित योजनाओं के लिए शालभंगल और फीनिक्स नाम के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है। अनीता, एक सामुदायिक स्वयंसेवी है। उन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अदाणी विझिंजम पोर्ट में ट्रेनिंग हासिल की और अब वो गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देती हैं । सिर्फ अनीता ही नहीं, उन्हीं की तरह जैस्मीन, रोज़, चंद्रिका, ज्योतिभा, कविता जैसी कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि की महिलाएं फाउंडेशन से प्रशिक्षण हासिल कर समाज में एक नई रोशनी फैला रही है।
इनके जरिए वंचित वर्ग को लाइफ हाउस जैसी केरल की सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है। इतना ही नहीं, इन स्वयंसेविकाओं की मदद से दसवी और बारहवी के 58 गरीब बच्चों को सालाना राज्य सरकार की स्नेहपूर्वम योजना के तहत 3 हजार से 7,500 रुपये की छात्रवृत्ति भी मिली। तकनीक का इस्तेमाल कर अब तक समुदाय के कई लोगों को स्नेहपूर्वम, विधवा पेंशन, लाइफ हाउस योजना, ई-श्रम कार्ड, किचन गार्डन जैसी केरल की सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया है। साथ ही अदाणी फाउंडेशन के अधिकारी लाभार्थियों को संबंधित सरकारी कार्यालयों से भी जोड़ते हैं।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत एक ऑफ़लाइन अभियान भी चल रहा है जिसके जरिए कल्याणकारी योजनाओं और संबंधित अधिकारियों की महत्वपूर्ण जानकारी भी लोगों को मिल सके, इसके लिए महिला स्वयंसेवकों को कई योजनाओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें कृषि, बैंकिंग, बीमा, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण पेंशन की योजनाएं शामिल हैं।
स्वयंसेवकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन एक लीडरशिप कार्यप्रणाली विकसित कर रहा है। इसके जरिए योजनाओं की सटीक जानकारी रखने वाले स्वयंसेवक नए सदस्यों को ट्रैनिंग देगें, जिसके बाद वे वार्ड स्तर पर महिलाओं, श्रमिकों या बच्चों के लिए औपचारिक और अनौपचारिक समूहों जैसे कुदुंभश्री पड़ोस, किचन गार्डन की कल्याणकारी योजनाओं का प्रसार करेंगे। ये प्रयास लोगों के जीवन में बदलाव की एक नई दिशा तय करेगा।
अदाणी फाउंडेशन के बारे में जानकारी
अदाणी फाउंडेशन, अदाणी समूह की सामुदायिक सहायता और जुड़ाव शाखा, पूरे भारत में रणनीतिक सामाजिक निवेश करने के लिए समर्पित है। 1996 से फाउंडेशन ने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थायी आजीविका, कौशल विकास और सामुदायिक बुनियादी ढांचे सहित मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित अपनी रणनीतियों के साथ फाउंडेशन दृष्टिकोण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाना जाता है जो अदाणी समूह के व्यवसायों और उससे आगे के समुदायों की भलाई और धन में योगदान देता है। वर्तमान में यह 19 राज्यों के 5,753 गांवों में संचालित है, जिससे 73 लाख लोगों का जीवन आसान हुआ है।
बच्चों के प्रति उत्तरदायित्व और बढ़ जाता है। इसके लिए विझिंजम में सरकारी योजना और बच्चों से संबंधित योजनाओं के लिए शालभंगल और फीनिक्स नाम के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है। अनीता, एक सामुदायिक स्वयंसेवी है। उन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अदाणी विझिंजम पोर्ट में ट्रेनिंग हासिल की और अब वो गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देती हैं । सिर्फ अनीता ही नहीं, उन्हीं की तरह जैस्मीन, रोज़, चंद्रिका, ज्योतिभा, कविता जैसी कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि की महिलाएं फाउंडेशन से प्रशिक्षण हासिल कर समाज में एक नई रोशनी फैला रही है।
इनके जरिए वंचित वर्ग को लाइफ हाउस जैसी केरल की सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है। इतना ही नहीं, इन स्वयंसेविकाओं की मदद से दसवी और बारहवी के 58 गरीब बच्चों को सालाना राज्य सरकार की स्नेहपूर्वम योजना के तहत 3 हजार से 7,500 रुपये की छात्रवृत्ति भी मिली। तकनीक का इस्तेमाल कर अब तक समुदाय के कई लोगों को स्नेहपूर्वम, विधवा पेंशन, लाइफ हाउस योजना, ई-श्रम कार्ड, किचन गार्डन जैसी केरल की सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया है। साथ ही अदाणी फाउंडेशन के अधिकारी लाभार्थियों को संबंधित सरकारी कार्यालयों से भी जोड़ते हैं।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत एक ऑफ़लाइन अभियान भी चल रहा है जिसके जरिए कल्याणकारी योजनाओं और संबंधित अधिकारियों की महत्वपूर्ण जानकारी भी लोगों को मिल सके, इसके लिए महिला स्वयंसेवकों को कई योजनाओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें कृषि, बैंकिंग, बीमा, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण पेंशन की योजनाएं शामिल हैं।
स्वयंसेवकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन एक लीडरशिप कार्यप्रणाली विकसित कर रहा है। इसके जरिए योजनाओं की सटीक जानकारी रखने वाले स्वयंसेवक नए सदस्यों को ट्रैनिंग देगें, जिसके बाद वे वार्ड स्तर पर महिलाओं, श्रमिकों या बच्चों के लिए औपचारिक और अनौपचारिक समूहों जैसे कुदुंभश्री पड़ोस, किचन गार्डन की कल्याणकारी योजनाओं का प्रसार करेंगे। ये प्रयास लोगों के जीवन में बदलाव की एक नई दिशा तय करेगा।
अदाणी फाउंडेशन के बारे में जानकारी
अदाणी फाउंडेशन, अदाणी समूह की सामुदायिक सहायता और जुड़ाव शाखा, पूरे भारत में रणनीतिक सामाजिक निवेश करने के लिए समर्पित है। 1996 से फाउंडेशन ने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थायी आजीविका, कौशल विकास और सामुदायिक बुनियादी ढांचे सहित मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित अपनी रणनीतियों के साथ फाउंडेशन दृष्टिकोण और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाना जाता है जो अदाणी समूह के व्यवसायों और उससे आगे के समुदायों की भलाई और धन में योगदान देता है। वर्तमान में यह 19 राज्यों के 5,753 गांवों में संचालित है, जिससे 73 लाख लोगों का जीवन आसान हुआ है।
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