चुनावी माहौल के बीच लाखों की भीड किसके पीछे आई ? और क्या राजस्थान की सियासत में खड़ा हो गया एक पावर सेंटर ? अजमेर | रविवार को...
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क्या राजस्थान की सियासत में खड़ा हो गया एक पावर सेंटर ?
अजमेर | रविवार को अजमेर का कायड़ विश्राम स्थल लाखों लोगों की मौजूदगी का गवाह बना। राजस्थान में चुनाव के बीच इतनी बड़ी रैलियां होना कोई नई बात तो नहीं है लेकिन अजमेर में आई इस भीड़ के पीछे ना कोई राष्ट्रीय पार्टी है और ना ही यह भीड़ किसी बड़े नेता को सुनने के लिए आई। लाखों की इस भीड़ के पीछे जन स्वाभिमान मंच के संयोजक और पुष्कर के संत समताराम महाराज है जिन्होंने अपने आव्हान पर इतनी बड़ी रैली कर राजस्थान में एक नई तरह की चर्चा खड़ी कर दी है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या समताराम महाराज राजस्थान में कोई बड़ा सियासी दांव खेलने वाले है या फिर खुद राजनीति में एंट्री करने वाले है। हालांकि मंच से खुद समताराम महाराज ने इस बात का जवाब दे दिया। महाराज ने बताया कि उनका और जन स्वाभिमान मंच के किसी भी सदस्य का चुनाव लडने का कोई प्लान नहीं है। लेकिन उन्हेंने उनके शिष्य भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल की पीड़ा को समझकर मठ से निकलने का फैसला ले किया है।
"नाथी का बाड़ा" बन गया है राजस्थान
जनसमूह को संबोधित करते हुए समताराम महाराज बोले कि आज राजस्थान की हालत नाथी के बाड़े जैसी हो गई है। जो राजस्थान अपनायात और भाईचारे के लिए जाना जाता था आज उसे एक दबंग जाति और कुछ जातिवादी नेताओं ने कैप्चर कर लिया हैं। मूल ओबीसी के हक का फायदा भी सिर्फ एक जाति को मिल रहा है।
बंद हो दलित अत्याचार
अपने भाषण के दौरान समताराम महाराज प्रदेश में हो रहे दलित अत्याचार पर सबसे ज्यादा मुखर दिखे। उन्होंने नागौर जिले के डांगावास दलित हत्याकांड और राणासर कांड का हवाला देते हुए कहा कि इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों को पहचानने की जरूरत है।
दिव्या मदेरणा और ज्योति मिर्धा का जिक्र
समताराम महाराज ने अपने भाषण में इशारों ही इशारों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर जबरदस्त निशाना साध दिया। उन्होंने कहा कि एक नेता हमारे प्रदेश की बहन - बेटियों को भद्दी और गंदी गालियां देता है। दिव्या मदेरणा और ज्योति मिर्धा हमारे प्रदेश की बहन बेटी है,लेकिन आज राजनीतिक सुचिता नाम की कोई चीज प्रदेश में बची नही है।
CM योगी का लिया नाम
हालांकि समताराम महाराज ने खुद को राजनीति से अलग बताते हुए चुनाव ना लड़ने का दावा किया लेकिन उनका पूरा भाषण राजनीति के इर्द - गिर्द ही था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का उल्लेख करते हुए समताराम महाराज बोले कि जैसे उत्तर प्रदेश में एक सन्यासी ने गुंडों को यूपी छुड़वा दिया है उसी तरह राजस्थान में भी अब एक सन्यासी आ गया है जो इन जातिवादी नेताओं को विधानसभा जाने से रोकेगा।
अटल बिहारी वाजपेयी से हुई भूल, भैरों सिंह शेखावत का भी लिया नाम
आरक्षण पर बोलते हुए समताराम महाराज ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर भी निशाना साध दिया। महाराज ने कहा कि पता नहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने सीकर की रैली में कैसे उल्टा काम कर दिया। यहां समताराम महाराज ने 1998 में सीकर में हुई अटल बिहारी वाजपेई की रैली का जिक्र किया जिसमे जाट आरक्षण की घोषणा की गई थी। आरक्षण पर आगे बोलते हुए महाराज ने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आव्हान पर देश के सक्षम लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी उसी प्रकार अब मूल ओबीसी का हक खाने वाले लोग ओबीसी आरक्षण को छोड़ दें।
मुख्यमंत्री पद चाहिए तो आरक्षण वापस करना होगा
समताराम महाराज आरक्षण पर बोलते हुए यहीं नहीं रुके और आगे कहा कि एक जाति लगातार मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। उस जाति को समझना चाहिए कि अगर मुख्यमंत्री पद चाहिए तो मूल ओबीसी का आरक्षण वापस करना होगा। अगर एक जाति आरक्षण छोड़ने के लिए तैयार है तो हम भी उस जाति को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं।
वोट कहां डालना है इसका मै इशारा कर दूंगा
कार्यक्रम के उमड़ी भीड़ से समताराम महाराज ने कहा कि अभी प्रदेश में चुनाव चल रहे है। ना तो मैं चुनाव लडूंगा और ना ही मेरा कोई आदमी चुनाव लड़ेगा लेकिन वोट सही आदमी को वोट देगा जरूरी है। आगे महाराज बोले कि चुनावों से पहले ही मैं आपको इशारा कर दूंगा। उसी जगह आपको अपना वोट डालना है।
उद्योगपति मेघराज सिंह रॉयल
कार्यक्रम में राजस्थान के उद्योगपति मेघराज सिंह रॉयल खास आकर्षण का केन्द्र रहे। रॉयल बोले कि मेरे ऊपर मेघवाल समाज सहित दलित और पिछड़े समाज का शुरू से आशीर्वाद रहा है। उनके हक और न्याय की लड़ाई में जन स्वाभिमान मंच कभी पीछे नहीं हटेगा।
राजा का काम दलित को लगाना
कार्यक्रम बतौर वक्ता शक्ति सिंह बांदीकुई ने बोलते हुए कहा कि भगवान श्री राम के जीवन से भी हमे यह सीखना चाहिए कि सक्षम का काम दलित को गले लगाना होता है। श्री राम ने निषाद, केवट को अपना दोस्त बनाया और माता सबरी के झूठे बेर खाए।
क्या है जन स्वाभिमान मंच का उद्देश्य
गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से जन स्वाभिमान मंच के संयोजक समताराम महाराज लगातार सियासी चर्चाओं में बने हुए हैं। इस चुनाव से पहले उन्होंने इस संगठन का गठन कर प्रदेश के सियासी तापमान को बढ़ाकर रख दिया है। वे इस जनसभा से पहले राजस्थान भर की यात्रा पर निकले थे जिसके बाद इतनी भारी संख्या में कल अजमेर में यह भीड जुट सकी। धीरे - धीरे समताराम महाराज प्रदेश के एक जाना पहचाना चेहरा बनते जा रहे है जो होने वाले चुनाव में मारवाड़ और शेखावाटी की राजनीति को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं।
सभी जाति-धर्म के गुरू व प्रचारक रहे मौजूद
कार्यक्रम में मंच पर ऋषिकेश से आएं अरूणगिरी महामंडलेश्वर, स्वामी रामभजन दास महाराज, महंत मंगलनाथ, महामंडलेश्वर नंदगिरी नसीराबाद,सागर बापु कबीर आश्रम पुष्कर, जैन संत अरविंद मुनि, सिंधी साध्वी अनादि सरस्वती, कृष्ण भक्त महेन्द्र सिंह,धीरज राम महाराज,ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह गद्दीनशीन गुलाम किबेरिया,मोहम्मद असलम काशमी जयपुर सहित कई साधु-संत, धर्म प्रचारक आर्शीवाद देने मौजूद रहे।
इन वक्ताओं ने भी किया संबोधित
बिहार से आए विधायक चेतन आनंद, हेमलता शर्मा, मेघराज यादव, प्रियंका मेघवंशी, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, महिपाल सिंह मकराना, मुकेश मेघवंशी, गजेंद्र सिंह चिराना,सिरोही से आए संत भजनाराम ने भी संबोधित किया।
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