जयपुर। दो जनों ने अपने मित्र की संपत्ति पर पहले तो करोड़ों रुपए का लोन लिया फिर धोखाधड़ी कर उसे बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत कर खुर्द बुर्द...
जयपुर। दो जनों ने अपने मित्र की संपत्ति पर पहले तो करोड़ों रुपए का लोन लिया फिर धोखाधड़ी कर उसे बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत कर खुर्द बुर्द कर दिया। अब लोन चुकाने से मना कर दिया। इसके बाद आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
इस मामले में महावीर नगर टोंक रोड निवासी रामसिंह राजावत ने शिवदासपुरा थाने में वीरेन्द्र सिंह रत्नावत और देवेन्द्र सिंह रतनावत के खिलाफ षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें बताया है कि वीरेन्द्र सिंह और देवेन्द्रसिंह ने उसके बेटे देवव्रत सिंह राजावत से संपर्क किया। आरोपियों ने उन्हें बताया कि उनके होटल, रेस्टोरेंट, कंस्ट्रक्शन, बैंकर समेत कई व्यवसाय है। इसका करोड़ों रुपए का टर्नओवर है। साथ ही उन्हें यह भी बताया कि उनकी फर्म डीएसआर को 6 करोड़ रुपए के कर्मिशियल लोन की आवश्यकता है। उनका परिवार बैंक गारंटी दे दे तो उन्हें पंजाब नेशनल बैंक से यह लोन मिल जाएगा। इसके बाद 26 सितंबर 19 को गारंटी दी साथ ही आरोपियों ने उन्हें बताया कि किश्तों में इस लोन का भुगतान कर देंगे। आरोपी यह लोन बैंक लोन चुका देंगे परिवादी के परिवार को सिर्फ बैंक गारंटी देनी है।
इसके बाद परिवादी के बेटे बेटियों ने आरोपियों की फर्म को 6 करोड़ रुपए की एक और 4.80 करोड़ रुपए की दूसरी (10.80 करोड़) बैंक गारंटी दे दी। इसके बाद उनके बेटे अनिरूद्ध के पास 2021 में सरफेसी एक्ट में बैंक का नोटिस मिला कि जिससे यह जानकारी मिली कि अभियुक्त ने पंजाब नेशनल बैंक से 4.80 करोड़ रुपए की जो बैंक गारंटी दी थी वो मुण्डन कंस्ट्रक्शन कंपनी से माल मंगाने के लिए दी थी जिसका कोई भुगतान नहीं किया। इसी तरह अभियुक्तों ने बैंक गारंटी के रुपयों को अन्य फर्मों में ट्रांसफर कर दिए। इसमें बैंक अधिकारी चीफ मैनेजर निमेश शाह और ब्रांच हैड केसी मंगल की मिलीभगत थी। इन दोनों बैक अधिकारियों ने तथ्य छिपाते हुए अभियुक्त को 6 करोड़ रुपए का पहले तो लोन दिया। फिर डिफाल्टर होने पर परिवादी को झूठ बताया कि अभियुक्तों का बैंक से सैटलमेंट होने वाला है। अभियुक्तों ने सैटलमेंट की संतोषप्रद जानकारी नहीं दी। अक्टूबर 23 को परिवादी को पता चला कि अभियुक्तों की कंपनी डीएसआर लोन लेने के लिए योग्य नहीं थी इसके बाद भी बैंक अधिकारियों ने फर्जीवाडा कर यह लोन दिया है। अब अभियुक्तों ने बताया कि वो कोई लोन नहीं चुकाएंगे। उन्होंने यह लोन लेकर उसे अपनी अन्य फर्मों में खुर्दबुर्द कर दिया। इसमें ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स के अधिकारी योगेश उधावत व अन्य बैंक कर्मचारी भी शामिल है। पंजाब नेशनल बैंक व ओरिएंटर बैंक आफ कामर्स के उक्त अधिकारियों और कर्मचारियों को समस्त तथ्य की जानकारी होने के बावजूद उन्हें 10 दिन में ही लोन दिया जिसे अभियुक्तों ने खुर्दबुर्द कर दिया।
COMMENTS