राजनीतिक पार्टियां घोषणा पत्र में करें मुद्दा शामिल जयपुर। मंगलवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर में युवा शक्ति संयोजन के तत्वधान...
जयपुर। मंगलवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर में युवा शक्ति संयोजन के तत्वधान में देशभर के सैकड़ों युवा जयपुर के नारायणसिंह सर्किल स्थित पिंक सिटी प्रेस क्लब सभागार में एकत्रित हुए और केन्द्र सरकार से ईडब्ल्यूएस आरक्षण के सरलीकरण के किए मजबूती से मांग उठाई। इस दौरान मंच से संदेश दिया गया कि युवाओं के हक और अधिकार की आवाज को पूरे देश के युवा संगठित होकर एक साथ उठाएंगे। युवा शक्ति संयोजन के संयोजक शक्तिसिंह बांदीकुई ने मंच से बोलते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ईडब्ल्यूएस वर्ग को दिया गया आरक्षण एक अधूरा न्याय है जिसके विसंगतियों में सुधार किए जाने की शख्त जरूरत है। सिंह ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान देश के सभी वर्गों के लिए समानता की बात करता है लेकिन ईडब्ल्यूएस आरक्षण गलत प्रावधानों के कारण ईडब्ल्यूएस आरक्षण असमानता की भेंट चढ़ रहा है। इस दौरान यह तय किया गया कि लोकसभा चुनावों के बीच युवा दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्यासियों को रक्त से पत्र लिखकर समर्थन मांगेंगे और घोषणापत्र में मुद्दा शामिल करवाने के लिए दवाब बनाएंगे।
क्या है ईडब्ल्यूएस वर्ग की मांगे
गौरतलब है कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2019 में संविधान में संशोधन कर अनारक्षित सवर्ण जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर एक ऐतिहासिक फैसला किया। लेकिन ईडब्ल्यूएस वर्ग इस दस प्रतिशत कोटे में लागू शर्तो के सरलीकरण की लगातार मांग कर रहा है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पात्रता मानदंड में 5 एकड़ भूखंड सहित 100 वर्ग गज आवासीय भूखंड की ऐसी शर्तें है जिसमे ईडब्ल्यूएस वर्ग सुधार चाहता है। इससे पहले भी ईडब्ल्यूएस वर्ग लगातार केन्द्र सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहा है। लेकिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा राज्यसभा में मुद्दा उठाए जाने के बाद इस मांग ने जोर पकड़ लिया है।
किसने क्या कहा
कार्यशाला के मुख्य वक्ता शक्तिसिंह बांदीकुई ने कहा कि जब तक ईडब्ल्यूएस वर्ग को उनका वाजिब हक नही मिलेगा तब तक वे देशभर के युवाओं को एकजुट कर आंदोलन करेंगे। सिंह ने कहा कि राज्य स्तर पर राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार सहित अनेक प्रदेशों की सरकारों ने स्तर में गैर जायज शर्तों को हटा दिया है और अब हम चाहते हैं कि केन्द्र सरकार भी राजस्थान मॉडल को लागू करे। दिल्ली विश्व विद्यालय के स्कॉलर उदय प्रताप सिंह ने मंच से कहा कि सामाजिक और आर्थिक न्याय संविधान की मूल आत्मा है और ईडब्ल्यूएस वर्ग के किए यह सिदांत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का सरलीकरण करके ही पूरा हो सकता है। अभिषेक शर्मा ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विचार रखते हुए कहा कि देर सवेर ही सही सवर्ण वर्ग की ईडब्ल्यूएस कोटे द्वारा आरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित हो सकी। छात्र मनोहर लाल बिश्नोई ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण का स्वरूप भविष्य में आर्थिक रूप से पिछड़ों का भविष्य तय करेगा इसलिए इस वर्ग के बेहतर भविष्य के लिए विसंगतियों में सुधार किया जाना जरूरी है। राधिका राठौड़ ने कहा के ईडब्ल्यूएस वर्ग की महिलाओं को शसक्त करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम हो सकता था लेकिन इसके सर्टिफिकेट बनवाने के लिए महिला के पिता और पति दिनो की आय को जोड़ने की शर्त बिल्कुल अव्यवहारिक है। राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र मानवेन्द्र ने कहा कि न्याय के लिए दिया गया आरक्षण गलत शर्तों के कारण ठीक न्याय नहीं कर पा रहा है जिससे की न्याय की भावना को ठेस पहुंच रही है।
ये है प्रमुख मांगे
• ईडब्ल्यूएस आरक्षण में जमीन और मकान की शर्तें हटाकर राजस्थान मॉडल की तर्ज पर सरलीकरण किया जाए।
• राजस्थान सरकार की तर्ज पर अधिकतम आयु सीमा एवम प्रयास में पांच साल की छूट दी जाए।
• महिला वर्ग के पिता या पति दोनो में से एक ही आय का स्रोत माना जाए।
• ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटा पंचायतीराज एवम शहरी निकाय के निर्वाचन में लागू किया जाए।
• ईडब्ल्यूएस वर्ग को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह नवोदय एवम सैनिक स्कूल प्रवेश प्रक्रिया में छूट दी जाए।
• ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाए।
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