महंगी बजरी खरीदने को मजबूर उपभोक्ता पुलिस और खनिज विभाग के साथ स्थानीय राजनेता दे रहे संरक्षण जयपुर। प्रदेश में अवैध बजरी खनन व परिवहन पर ...
महंगी बजरी खरीदने को मजबूर उपभोक्ता
पुलिस और खनिज विभाग के साथ स्थानीय राजनेता दे रहे संरक्षण
जयपुर। प्रदेश में अवैध बजरी खनन व परिवहन पर प्रभावी रोक जल्द नहीं लगाई तो बजरी ट्रक आपरेटर्स चक्काजाम कर सचिवालय का घेराव करेंगे। आल राजस्थान बजरी ट्रक आपरेटर वेलफयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया की आज प्रदेश में अवैध बजरी खनन व् परिवहन अपनी चरम सीमा पर चल रहा है जिसको बजरी खनन क्षेत्रों के पुलिस थानों व् स्थानीय राजनैतिक संरक्षण पूर्व रूप से प्राप्त हो रहा है। जिसके चलते आज अवैध बजरी के भरे हुए ट्रकों को प्रदेश के अन्य शहरों को तो छोड़ो प्रदेश की राजधानी जयपुर में खुले आम चिन्हित बजरी मंडियों व् आस पास के क्षेत्रों में देखा जा सकता ह। दूसरी और आज टोंक - सवाई माधोपुर में बनास नदी के आस पास के गावो में स्थानीय अवैध खनन माफियाओं द्वारा नदी से ट्रैक्टरों द्वारा दिन में अवैध बजरी खनन कर गांवों में स्टॉक बना रखे है तथा रात्रि काल में यहाँ से ट्रकों में बजरी भर कर जयपुर व् आस-पास के शहरों में खुले आम अवैध बजरी सप्लाई हो रही है।
माफियाओं के दबाव में आकर बंद कर दी वैध लीज
प्रेसवार्ता के दौरान आल राजस्थान बजरी ट्रक आपरेटर वेलफयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने आरोप लगाया की पिछले दिनों मलारना डूंगर में राजस्व और खान विभाग से स्वीकृत स्टॉक से बजरी का विक्रय किया जा रहा था। लेकिन वहीं के कुछ माफियाओं ने धरना प्रदर्शन कर स्टॉक बंद करवा दिया अब वहां से सैकंड़ों की संख्या में ट्रक रोजाना जयपुर अवैध बजरी ला रहे है,लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। यहीं,नहीं प्रदेश में नागौर,जोधपुर,भीलवाड़ा,बाड़मेर जैसे स्थानों पर वैध बजरी खनन बंद होने के बाद अब माफियाओं का कब्जा हो गया है। जिसे स्थानीय राजनेता और पुलिस—खनन विभाग का संरक्षण प्राप्त है।
सरकार की मंशा हो तो ओर सस्ती हो सकती है बजरी
अध्यक्ष नवीन शर्मा ने कहा कि अवैध बजरी खनन व परिवहन माफियाओं द्वारा पिछले कुछ दिनों में बजरी की कमी के चलते आम जनता को 1800/- से लेकर 2000 /- रुपए प्रति टन बजरी बेच कर लूटा जा रहा था। पिछले दिनों जयपुर के आस पास केवल बीसलपुर से ही वैध बजरी की आपूर्ति की जा रही थी परन्तु पूर्ति न होने के कारण इसका फायदा अवैध बजरी माफियाओं ने उठाते हुए दोनों हाथों से जनता को लूटते हुए महंगे दामों में जनता को 2000/- रुपए प्रति टन तक बजरी बेचीं जा रही थी। जब से राज्य सरकार ने टोंक जिले में टोडा लीज को चालू किया है तब से बजरी के दामों में भरी गिरावट आकर आज आम जनता को 1300/- रुपए से लेकर 1400/- तक बजरी उपलब्ध हो रही है। अगर सरकार वैध बजरी खनन की तरफ ध्यान देकर, ईसरदा टोंक, पिंसगान अजमेर, रायपुर भीलवाड़ा, शाहपुरा भीलवाड़ा की लीजो को भी जल्द से जल्द चालू कर वहाँ से बजरी सप्लाई चालू कर दे तो शायद बजरी की उपलब्धता सुगम हो जाएगी जिसके परिणाम स्वरूप बजरी के दामों में और गिरावट आने की सम्भावना और प्रबल हो जाएगी।
सयुक्त कमेटी का हो गठन
अध्यक्ष नवीन शर्मा ने कहा की अवैध बजरी खनन और परिवहन करने वाले बजरी माफियाओं पर प्रभावी कार्यवाही हो जिसके लिए केवल पुलिस को जिम्मेदारी न देकर एक संयुक्त समिति का गठन हो जिसमें खान विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, लीज धारकों के प्रतिनिधि व् हमारी संस्था के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त मीटिंग का आयोजन कर प्रभावी कार्यवाही की रणनीति तय हो।
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