जयपुर। पब्लिक अंगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट ने यूडीएच विभाग के सचिव, पाँच बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेश...
जयपुर। पब्लिक अंगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट ने यूडीएच विभाग के सचिव, पाँच बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों एवं 23 अधिकारियों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब। हाईकोर्ट ने कहा बिजली कंपनियों में नियुक्त इंजीनियरों को नगरीय विकास विभाग में नियुक्तियां क्यों दी।
पब्लिक अंगेंस्ट करप्शन के अधिवक्ता पूनम चन्द भण्डारी एवं डॉ टी.एन. शर्मा ने बताया कि राजस्थान की पाँच बिजली कंपनियों ने कनिष्ठ अभियंताओं (विद्युत) की भर्ती की थी उसके बाद मिलीभगत नियम विरुद्ध इन कनिष्ठ अभियंताओं को नगरीय विकास विभाग में समाहित (Absorption) कर नियुक्तियां देदी। जबकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है तथा ये नियुक्तियां पूरी तरीके से राजस्थान सेवा नियमों एवं RAPSAR Act का उल्लंघन है।क्योंकि केवल Surplus होने की स्थिति में एक निगम से दूसरे निगम में नियुक्ती (Absorption) के लिए नियम बने हुए हैं मगर ऐसा कोई प्रावधान, नियम या अधिनियम नहीं है जिसके द्वारा किसी निगम या बोर्ड से सीधे सरकार में किसी को नियुक्त (Absorp) किया जा सके। नगरीय विकास विभाग ने नियुक्ति आदेशों में जिन नियमों का हवाला दिया गया है उनके अनुसार नियुक्त (Absorption) नहीं किया जा सकता।
संसथा के अधिवक्ताओं ने बताया कि ये नियुक्तियां (Absorption) पूरी तरीके से सरकार में पिछले दरवाजे से नियुक्ति देना है जिसमें किसी भी सेवा नियमों एवं आरक्षण का ध्यान नहीं रखा गया। साथ इस प्रकार के बहुत सारे मामले विभिन्न विभागों में है जहाँ पर कि बिजली विभाग से नियमविरुद्ध सरकार में absorb कर लिया गया है। भंडारी ने कहा कि यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है मलाईदा विभाग में अवैध तरीके से ये नियुक्तियां की गई है।
जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात् राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठतम न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा एवं न्यायाधीश संगीत पुरोहित की खण्डपीठ ने यूडीएच सचिव, पाँचों बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों सहित कुल 31 अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिये कि अगली तारीख पर यूडीएच सचिव कोर्ट में शपथ-पत्र प्रस्तुत करें और शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में न्यायालय में व्यक्ति से हाजिर होकर बतायें कि इन अधिकारियों का Absorption किस प्रकार से नियमों के तहत आता है। यू डी एच विभाग की तरफ़ से aag मनोज शर्मा उपस्थित हुए । हाई कोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस नगरीय विकास विभाग के सचिव के जरिए तामिल करवाने का आदेश दिये और नगरीय विकास विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज शर्मा को याचिका की कॉपी देने के आदेश दिए।
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