बाड़मेर। बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने यहां कैलाश चौधरी को मैदान ...
बाड़मेर। बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने यहां कैलाश चौधरी को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने कर्नल मानवेन्द्र सिंह को टिकट दिया है। इसके चलते अब इस सीट पर सिंह और चौधरी के बीच रोचक मुकाबला होना तय हो गया है।
कैलाश चौधरी पूर्व विधायक रह चुके है। मौजूदा किसान मोर्चा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष है। 2018 के विधानसभा चुनावों में बायतु से विधायक का चुनाव लड़े लेकिन तीसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा में चल रही टिकट को लेकर हौड़ में कैलाश ने बाजी मार ली। कैलाश की टिकट की घोषणा होने के साथ ही समर्थकों ने खुशियां जताई। बालोतरा से बायतु तक कैलाश जुलूस के रूप में पहुंचे।
बता दें कि इस सीट से कैलाश चौधरी के अलावा पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम व भारतीय पुलिस सेवा से त्यागपत्र देकर महेन्द्र सिंह चौधरी भी टिकट की दौड़ में शामिल थे। हालांकि चौधरी पार्टी हाईकमान का विश्वास जीतने में सफल रहे।
बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने मानवेन्द्रसिंह को प्रत्याशी घोषित किया। मानवेन्द्रसिंह ने लोकसभा का पहला चुनाव भाजपा से 1998 में बाड़मेर से लड़ा। वे कांग्रेस के सोनाराम चौधरी से 32140 वोटों से हारे। 2004 में भाजपा ने दुबारा उनको टिकट दिया और रिकार्ड 2 लाख 71888 वोटों से जीते। 2009 तीसरी बार भाजपा से मानवेन्द्र को टिकट मिला लेकिन वे कांग्रेस के हरीश चौधरी से हार गए।
कैलाश चौधरी मजबूत पक्ष
1. जाट समाज का प्रतिनिधि एवं भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष
2. आरएसएस की पहली पसंद
3. युवा और बाड़मेर-बालोतरा दोनों इलाकों में पकड़
कमजोर पक्ष
1. बालोतरा थाने के हिस्ट्रीशीटर
2. कर्नल सोनाराम चौधरी का टिकट कटने से भीतरघात का भय
3. विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त
मानवेन्द्रसिंह मजबूत पक्ष
- राहुल गांधी से नजदीकी
- भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने पर लोकसभा चुनाव की रखी थी शर्त
- अल्पसंख्यक, एससीएसटी और राजूपत वोटर्स का नया फार्मूला अपनाना चाह रही है कांग्रेस
- भाजपा से राजपूत प्रदेश में है नाराज, राजपूत वोटर्स में मानवेन्द्र है प्रदेश का बड़ा चेहरा
- पूर्व में रह चुके है सांसद, पिता जसवंतसिंह का भी क्षेत्र में बड़ा असर
कमजोर पक्ष
- कांग्रेस के लिए नया चेहरा
- राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और मानवेन्द्र में टिकट को लेकर चली खींचतान
- जाट मतदाताओं की नाराजगी
संसदीय क्षेत्र में जातिगत गणित (अनुमानित )
राजपूत रावणा राजपूत- 2.95 लाख
जाट- 3.25 लाख
मुसलमान- 3.40लाख
अनुसूचित जाति- 2.50 लाख
अनुसूचित जनजाति- 1.25 लाख
बा्रह्मण-1 लाख
विश्नोई- 70 हजार
ओबीसी- 5 लाख
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