मिशन निदेशक एनएचम एस.एल.कुमावत रींगस सीएचसी में निरीक्षण करते हुए) जयपुर, 22 अप्रेल। प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तायुक्त चिकित...
मिशन निदेशक एनएचम एस.एल.कुमावत रींगस सीएचसी में निरीक्षण करते हुए)
जयपुर, 22 अप्रेल। प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लक्ष्य के साथ गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत सोमवार को भी प्रदेशभर के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया गया। मिशन निदेशक डाॅ. समित शर्मा ने जोधपुर स्थित चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सेटेलाइट अस्पताल का निरीक्षण कर खामियों को दुरूस्त करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त मिशन निदेशक एस.एल.कुमावत ने भी सीकर जिले के कई अस्पतालों का निरीक्षण किया। उन्होंने रींगस सीएचसी पर मिली खामियों को 10 दिवस में दूर कर रींगस सीएचसी को आदर्श सीएचसी बनाने के लिए प्रयास करने को कहा। पीडी एनएचएम जी.एल.शर्मा एवं एसएनओ कायाकल्प कार्यक्रम रामबाबू जायसवाल ने जोधपुर में दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया। शांतिनगर यूपीएचसी में प्रेस्क्रिप्षन आॅडिट एवं लिक्विड वेस्ट मेनेजमेंट को लेकर निर्देष दिए गए। अलवर के थानागाजी सीएचसी में स्टोर में रखे अनुपयोेगी सामान के निस्तारण के निर्देष दिए गए। बार-बार कहे जाने और कई दिनों के अभियान के बावजूद यहां स्टोर में रखे कबाड़ को गंभीरता से लेते हुए मिषन निदेषक के निर्देष पर स्टोर इंचार्ज और स्टोर कीपर को नोटिस जारी किया गया।
संयुक्त निदेषक डाॅ.एस.एन.धौलपुरिया ने झुंझुनू में सीएचसी उदयपुर वाटी, खेतड़ी, चिड़ावा, पीएससी सुल्ताना, अरदावता सहित कई चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया। इनमें लेबर रूम्स की स्थिति पूर्व से काफी बेेहतर मिली। चिड़ावा एवसं खेतड़ी में साफ सफाई की व्यवस्था अच्छी नहीं मिलने पर प्रभारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। आदर्ष पीएचसी पुथोली(चित्तौड़गढ) में स्टाफ को सभी 7 तरह की मेडिकल टेª की जानकारी नहीं होने पर मिषन निदेषक ने नोटिस देने के निर्देष दिए। यहां लैब में सप्टम नहीं होने के कारण संग्रहण कम होने, और लेबर रूम में एचआईवी किट, यूरिस्टिक्स, समुचित टेª, थर्मामीटर के अभाव, स्टाफ के पार्टोग्राफ से अनभिज्ञता एवं पुराने जेएसवाई जरिस्टर जैसी खामियों के कारण सम्बन्धित को नोटिस देने के निर्देष दिए गए। कोटा जिले में यूपीएचसी तलवंडी, केषवपुरा, अनंतपुरा का निरीक्षण किया गया। इनमें ज्यादातर व्यवस्थाएं सराहनीय थीं।
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