बाघों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की कवायद सांसद ने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा पत्र जयपुर, 17 अगस्त। राजस्थान में बाघो...
सांसद ने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा पत्र
जयपुर, 17 अगस्त। राजस्थान में बाघों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की उचित व्यवस्था करवाने के लिए राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावेड़कर को पत्र लिख कर अनुरोध किया है।
पत्र मेें सांसद ने लिखा है कि 23 जुलाई को मुकन्दरा टाईगर हिल रिजर्व में एमटी-3 बाघ की मृत्यु हो गई। यह बाघ कई दिनों से चल नहीं पा रहा था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने विशेषज्ञों को बुलाने के बजाय स्थानीय स्तर पर ही इलाज करने की कोशिश की, जिससे बाघ की मृत्यु हो गई। इसी प्रकार 3 अगस्त को एमटी-2 बाघिन की लाश संग्दिध अवस्था में बेवडा तलाई के पास पाई गई और 4 अगस्त को नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र में सफेद बाघ राजा की मृत्यु होना पाया गया। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि राज्य के अन्य अभ्यारण्य क्षेत्रों रणथम्भौर, सरिस्का, सज्जनगढ़, नाहरगढ़, आदि में भी बाद्यों की स्थिति ठीक नहीं है।
सांसद ने कहा कि राज्य की टाईगर सेन्चुरी में बाघों को देखने अनेक पर्यटक राजस्थान आते हैं, जो राज्य की आय का माध्यम भी है। उन्होंने वन मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर हाल ही में हुई बाघों की मृत्यु के कारणों की उच्च स्तरीय जांच की जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनर्रावृति ना हो।
सांसद ने मुकदंरा अभ्यारण्य में मृत मिली एमटी-2 बाघिन के शावक का 15 दिन बाद भी पता नहीं चलने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने इन घटनाओं को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और केन्द्र एवं राज्य सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने और प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिये सख्ती से निर्देश देने का अनुरोध भी किया।
उल्लेखनीय है कि दीयाकुमारी राजसमंद से सांसद है और लोकसभा में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण कमेटी (एनटीसीए - नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) की सदस्य भी है। उन्होंने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नवनियुक्त सदस्य सचिव, एस पी यादव से भी मुलाकात कर एनटीसीए एवं राजस्थान में बाघ संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा की।
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