इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर कंपनी एसीटी ने फैलाया शहर में अवैध कैबल का मकड़जाल जयपुर। डिजीटल इंडिया के नाम पर लोगों के घर इंटरनेट सुविधा देक...
इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर कंपनी एसीटी ने फैलाया शहर में अवैध कैबल का मकड़जाल
जयपुर। डिजीटल इंडिया के नाम पर लोगों के घर इंटरनेट सुविधा देकर करोडों रूपए कमाने वाली एक कंपनी ने जयपुर नगर निगम को करोड़ों रूपए का चुना लगाया और अधिकारी आंख मुंद कर देखते रहे। दरअसल मामला कुछ इस प्रकार है कि बैंगलोंर की अटरिया कंवर्जेन्स टैक्नोलोजिज लिमिटेड atria convergence technologies ltd (act) ने वर्ष 2018 में नगर निगम से मात्र 750 निगम पोल पर कैबल डालने की अनुमति ली और रातों रात पूरे शहर के करीब 8—10 हजार से अधिक खंभो पर अवैध रूप से कैबल डालकर इंटरनेट कनेक्शन देने शुरू कर दिए। निगम की ओर से 26 मार्च 2019 को कंपनी को बिना जांच पड़ताल के एनओसी भी जारी कर दी गई। यहीं नही निगम की ओर से उक्त कंपनी की कई बार शिकायतों के बाद भी सर्वे नहीं करवाया गया।
कंपनी ने एनओसी के नियमों को भी तोड़ा
कंपनी की ओर से निगम में 11 लाख 64 हजार रूपए जमा करवा कर पूरे जयपुर में लाइन डाली,लेकिन निगम से स्वीकृत खंभो पर भी नियम तोड़े। निगम की ओर से सड़क पर दोनों ओर पोल से सड़क क्रॉस करने पर एवं 60 फीट से अधिक की रोड़ पर केबल डालने की अनुमति नहीं होने के बावजूद भी कंपनी ने पूरे शहर में नियमों को धत्ता बताते हुए केबल डाल दी।
मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद भी बचा रहे अधिकारी
शिकायतकर्ता की ओर मुख्यमंत्री कार्यालय में 16 सितंबर 2019 को इस अवैध केबल कंपनी की शिकायत की गई थी,जिस पर जांच निगम मुख्यालय आई तो अधिकारियों ने इसे बिजली विभाग से संबंधित होते हुए कह कर कोई कार्रवाई नहीं की।
निगम वसूली का गणित
जयपुर नगर निगम की ओर से बिजली पोल पर इंटरनेट या केबल की लाइन डालने की एवज में प्रति पोल 1500 रूपए सालाना एवं प्रति किलोमीटर दूरी का 1000 रूपया शुल्क वसूला जाता है। अवैध रूप से केबल डालने वाली कंपनी एसीटी ने 750 खंभो के आधार पर मात्र 11 लाख 64 हजार रूपए जमा करवा कर पूरे जयपुर में लाइन डाली। जबकि एसीटी कंपनी की ओर से जयपुर शहर में निगम के करीब 8—10 हजार से अधिक खंभे अवैध रूप से काम में लिए है। यहीं नहीं निगम की ओर से जयपुर में एक दर्जन के करीब कंपनियों को केबल बिछाने की अनुमति दी गई,लेकिन आज तक किसी भी कपंनी की जांच तक नहीं की गई।
आखिर जमा करवा दिए 50 लाख
नगर निगम की ओर से दो बार हुई तार काटने की कार्रवाई के बाद Atria Convergence Technologies ACT की ओर से 50 लाख रूपए जमा करवा कर खाना पूर्ति की गई है,लेकिन अभी भी निगम को शहर में काम लिए गए पूरे पोल का पैसा कंपनी जमा नहीं करवा रही है।
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