साढे तीन साल से बजरी खनन पर है रोक जयपुर। प्रदेशभर में सुप्रीम कोर्ट ने साढे तीन साल पहले बजरी खनन पर रोक लगाई थी। तब से लगातार प्रदेशभर म...
साढे तीन साल से बजरी खनन पर है रोक
जयपुर। प्रदेशभर में सुप्रीम कोर्ट ने साढे तीन साल पहले बजरी खनन पर रोक लगाई थी। तब से लगातार प्रदेशभर में बजरी का अवैध खनन हो रहा था। अब प्रदेश में लंबे समय बाद किसी लीज को पर्यावरण स्वीकृति मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में जल्द ही बजरी का खनन जारी होगा।
हाल ही में एक समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार देवली की 246 हेक्टेयर की लीज को मंजूरी दी गई है। इसमें मैसर्स एस आर एसोसिएट्स एम एल नंबर 10/2012 को टोंक के देवली में 246 हेक्टेयर की लीज को मंजूरी दी गई है।
बजरी माफिया कूट रहे है चांदी
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद प्रदेशभर में बजरी माफिया हावी हो गए और दिन रात नदियों में अवैध रूप से बजरी निकाल कर तस्वरी करवा रहे थे और करोड़ो रूपए कूट रहे थे। अब बजरी का कार्य फिर से शुरू होने की आहट से माफिया चिंतिंत होते नजर आ रहे है।
आमजन के लिए राहत
दरअसल अवैध खनन के चलते बजरी का एक ट्रक भी लाख रूपए से अधिक का आ रहा है। लेकिन अब उम्मीद है कि एक बार फिर से ट्रक 15 से 20 हजार में मिल सकेगा।
तीन साल में सरकार को मिले थे 1200 करोड़
राज्य सरकार की ओर से 2013 में प्रदेश में 82 की बजरी लीज की एलओआई जारी की गई, जिसमें से 19 लीज सरेंडर भी हो गई थी,इन तीन साल में राज्य सरकार को 1200 करोड़ की आय भी हुई थी। लेकिन नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को ध्यान मेें रखते हुए इन लीजों में खनन पर रोक लगा दी थी।
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