सूचना देने में लापरवाही पर लोक सूचना अधिकारी पर लगाया दस हजार रूपये का जुर्माना जयपुर। राजस्थान सूचना आयोग द्वारा अपना एक महत्वप...
जयपुर। राजस्थान सूचना आयोग द्वारा अपना एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी अधिवक्ता द्वारा स्वयं की सूचना की मांग करने पर उसे सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना देय है, लोक सूचना अधिकारी एडवोकेट को एक संस्थागत पदनाम मानते हुए सूचना देने से इंकार नहीं कर सकता है।
हाल ही में राजस्थान सूचना आयोग ने एडवोकेट भगवत गौड बनाम राज्य लोक सूचना अधिकारी एवं अधिषाषी अभियंता (ड्रिलिंग खण्ड) जन.स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जयपुर के मामले में उक्त निर्णय पारित करते हुए एडवेाकेट भगवत गौड द्वारा की गयी द्वितीय अपील का निस्तारण किया है। इसी मामले में राजस्थान सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त डी.बी.गुप्ता ने सूचना आयोग द्वारा द्वितीय अपील के नोटिस जारी करने के बावजूद लोक सूचना अधिकारी द्वारा अपीलोत्तर प्रस्तुत नही करने एवं अपीलार्थी को सूचना उपलब्ध नहीं करवाने को लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानबूझकर सूचना नहीं देना व सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति लापरवाही प्रकट करना मानते हुए 10,000/-रूपये का जुर्माना अधिरोपित करते हुए 21 दिवस में सूचना उपलब्ध करवाने बाबत आदेशित किया है।
गौरतलब है कि अपीलार्थी एडवोकेट भगवत गौड द्वारा जन.स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (ड्रिलिंग खण्ड) जयपुर के समक्ष दिनांक 13.11.2020 को सूचना आवेदन प्रस्तुत करते हुए स्टोरकीपर जुगलकिशोर पंवार के खिलाफ चार्ज देने के दौरान स्टोर में 5,63,721/-रूपये राशि की वसूली करने से सम्बन्धित सूचना मांगी थी जिसे लोक सूचना अधिकारी एवं अधिशाषी अभियंता (ड्रिलिंग खंड) द्वारा एडवोकेट को संस्थागत पदनाम मानते हुऐ सूचना देने से इंकार किया था जिसकी द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त डी.बी.गुप्ता द्वारा निर्णय पारित किया गया।
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