राजस्थान के पूर्व वास्तुकारों में एक दूरदर्शिता थी जो आज भी अतुलनीय है - अशोक गहलोत जयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स-रा...
जयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स-राजस्थान चैप्टर द्वारा 3 दिवसीय ‘राजस्थान आर्किटेक्चर फेस्टिवल’ की शुरूआत आज से होटल क्लार्क्स आमेर में की गई। इस महोत्सव का उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया। यह फेस्टिवल ‘मेटमॉर्फसिस इन आर्किटेक्चर: हैरिटेज टू मॉर्डन’ विषय पर 22 मई तक आयोजित किया जाएगा। फेस्टिवल के पहले दिन 'शोकेस - बिल्डिंग मैटेरियल एग्जिबिशन' का पवन अरोड़ा, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त व अशोक लाहोटी, एमएलए, पूर्व महापौर, जयपुर द्वारा किया गया।
‘राजस्थान आर्किटेक्चर फेस्टिवल’ का उद्घाटन करते हुए, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांस्कृतिक और स्थापत्य रूप से समृद्ध राज्य राजस्थान में ‘राजस्थान आर्किटेक्चर फेस्टिवल’ के आयोजन के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स-राजस्थान चैप्टर की सराहना की। उनके अनुसार राजस्थान के पूर्व वास्तुकारों में दूरदर्शिता थी और यह काबिले तारीफ है कि इतने वर्षों के बाद भी उनकी वास्तुकला की दृष्टि अतुलनीय है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान के सभी शहर वास्तुशिल्प रूप से समृद्ध हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य करते हैं और आर्किटेक्ट्स कम्युनिटी से अनुरोध किया कि गांवों के लिए एक विकसित रोड मैप तैयार करें जिस से वह अस्पतालों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, खेल मैदान और अन्य आवश्यक स्थानों तक आसानी से पहुंच सके तथा दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सुचारू रूप से कर सके। उन्होंने आर्किटेक्ट्स से एक विजन के साथ आगे आने और राज्य के बेहतर विकास के लिए सरकार से हाथ मिलाने का भी आग्रह किया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स-राजस्थान चैप्टर के प्रमुख आयोजनों में से एक यह उत्सव एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बनने के लिए तैयार है जो आर्किटेक्चर कम्युनिटी को एकीकृत करता है। दुनियाभर के 26 से अधिक देशों के 1500 से अधिक वास्तुकारों और डिजाइनरों के साथ; इस फेस्टिवल में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध वास्तुकारों दातो ‘डॉ केन येंग, मलेशिया; मरीना तबस्सुम, बांग्लादेश; संजय मोहे, शिरीष बेरी, गुरजीत सिंह मथारू, हबीब खान, चित्रा विश्वनाथ, डॉ. अबू सईद एम. अहमद, आभा नारायण, टैन ज़ू हान, काज़ी एम आरिफ, रीता सोह आदि हिस्सा लेंगें।
शोकेस - बिल्डिंग मैटेरियल एग्जिबिशन में कई प्रतिष्ठित और नवीन निर्माण सामग्री उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह 30,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई है, जिसमें 100 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित हैं। 1500 से अधिक वास्तुकारों और डिजाइनरों के साथ, 'शोकेस प्रदर्शनी' को अद्वितीय व्यावसायिक नेटवर्किंग अवसर बनाने के लिए तैयार किया गया है।
फेस्टिवल के बारें में बताते हुये इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स-राजस्थान चैप्टर के अध्यक्ष तुषार सोगानी ने कहा, ‘‘दुनिया भर के आर्किटेक्ट्स के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से, हम राजस्थान आर्किटेक्चर फेस्टिवल के द्वारा क्षेत्र में जुड़ने, संवाद करने और आगे बढ़ने के माध्यम के रूप में कार्य करेंगे। फेस्टिवल में डॉयलॉग क्रीएट किये जायेगें, स्टेकहोल्डर्स के साथ जुड़ाव को मजबूत किया जायेगा और वास्तुकला समुदाय के लिए डिजाइन के क्षेत्र में लेटेस्ट प्रोडक्ट्स और इनोवेशन्स का प्रदर्शन किया जायेगा। इन 3 दिनों में हम यहां के लोगों और बाहर से आये सभी डेलीगेट्स के लिए राज्य की वास्तुकला को गहराई से जानने और समझने के लिए विशेष सेशन्स, हैरिटेज वॉक और एग्जीबिशन का आयोजन करेंगे।’’
इस 3 दिवसीय फेस्टिवल में विजिटर्स और मेहमानों के लिए विभिन्न तकनीकी सत्र ‘इमैजनिंग ए रि- अडैप्टिव फ्यूचर’, द आर्किटेक्चर ऑफ डेमोक्रेसी, कोअलेसिंग मॉर्डन मैटेरियल्स इन ए ट्रेडिशनल टरैन, आर्किटेक्चर ट्रॉन्सर्फोमेशन, द सैंड, हैरिटेज अन्डर थ्रेट और इवोल्यूशन ऑफ इनहेरिटेड परसेप्शन जैसे विषयों पर दिलचस्प चर्चाएं की जायेगी। इसके साथ ही, जयपुर की चारदीवारी और नाहरगढ़ किले की 2 दिवसीय हेरिटेज वॉक आयोजित की जायेगी। इसके अलावा एक आर्किटेक्चर एक्जीबिशन ‘माई हेरिटेज-माई प्राइड’ लगाई जायेगी जिसमें राजस्थान की सांस्कृतिक रूप से समृद्ध सभ्यता और स्थापत्य चमत्कारों को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके साथ ही, ‘आर्किटेक्चर में कायापलट’ और हेरिटेज वॉक विषय पर कॉलेज के छात्रों द्वारा एक कला स्थापना प्रतियोगिता भी उत्सव का प्रमुख आकर्षण होगी, जोकि जूरी सदस्यों के एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा निर्धारित विभिन्न प्रतिष्ठानों के माध्यम से डिजाइन और रचनात्मक विचारों में नवाचार का प्रदर्शन करेगी।
इस आयोजन का उद्देश्य इसे एक वार्षिक फेस्टिवल बनाना है इसे पूरे राजस्थान जैसे कि जोधपुर, उदयपुर, कोटा सहित कई अन्य शहरों में भी आयोजित किया जायेगा। यह फेस्टिवल राज्य की समृद्ध विरासत में निहित वास्तुकला, संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करता है।
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