जयपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राजस्थान में 16 नवंबर 2017 से नदी से बजरी खनन पर रोक लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्र...
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राजस्थान में 16 नवंबर 2017 से नदी से बजरी खनन पर रोक लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्रैल को सुनवाई होनी है, जिससे आस है कि नदी में चल रही 82 लीज फिर से शुरू हो पाएगी। लेकिन इसी बीच एक बड़ा हादसा खनन विभाग के जयपुर कार्यालय में हो गया। सोमवार अलसुबह खनिज भवन जयपुर के कमरा नंबर 508 में आग लग गई, आग में तीन कंप्यूटर सहित एसटीपी और अवैध बजरी खनन के बनाए गए भवनों की सभी फाइलें जल गई।
जानकारी के अनुसार सोमवार अलसुबह खनिज विभाग कार्यालय में तैनात एक गार्ड ने एस एम ई संजय शर्मा को फोन करके कमरा नंबर 508 में आग लगने की सूचना दी अधिकारी और कर्मचारी जब तक कार्यालय पहुंचे थे तब तक अधिकांश फाइलें आग के हवाले हो चुकी थी और 3 कंप्यूटर भी जल चुके थे इनमें अधिकांश फाइलें जयपुर जिले में जप्त अवैध बजरी खनन से जुड़े वाहनों और STP ( Short Term Permit) से संबंधित बताई जा रही है।
एसटीपी के सभी फाइलें जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से संचालित किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों से जुड़ी हुई बताई जा रही है।
15 को मिल सकती है राहत
2017 से बंद नदी से बजरी खनन पर अब राहत मिलने की संभावना है सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद प्रदेश में बजरी माफियाओं की मनमानी जोरों पर है और मनमर्जी के दाम वसूले जा रहे हैं, आपको बता दें कि पिछले साल CEC ने राजस्थान में खेतों से निकल रही बदली लीसों का भी दौरा किया था और एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करते हुए लिखा है कि राजस्थान में अवैध खनन जोरों पर है और इसमें विभागीय सहयोग मिल रहा है।
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