बांटी जाएंगी मेडिकल किट टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर रहेगा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन से व्यापक स्तर पर किए जा...
टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर रहेगा फोकस
ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन से व्यापक स्तर पर किए जाएंगे टेस्ट
जयपुर, 16 मई। जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल की अध्यक्षता में जेडीए के मंथन सभागर में जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा, नगर निगम ग्रेटर आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव, नगर निगम हेरिटेज आयुक्त अवधेश मीणा, जेडीए सचिव हृदेश शर्मा एवं अन्य अधिकारीयो के साथ जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु डोर टू डोर सर्वे एवं मेडिकल किट के कार्यों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर सर्वे कर मेडीकल किट का वितरण करने का निर्णय लिया गया। साथ ही डोर टू डोर सर्वे कर ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
जयपुर कलेक्टर ने कहा कि विभिन्न दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों एवं अन्य खरीद से संबंधित प्रकरणों पर तुरन्त प्रभाव से मेरे अनुमोदन किया जायेगा, उन्होंने सीएमएचओ प्रथम को ऐसे प्रस्ताव प्राथमिकता से भिजवाने के निर्देश दिए।
सीएमएचओ प्रथम ने बताया कि डोर टू डोर सर्वे हेतु हमारे पास 2700 कमिटिया है, जिसमे 700 शहरी क्षेत्र में तथा 2000 ग्रामीण क्षेत्र मैं कार्य कर रही हैं।
शहरी क्षेत्र में मेडीकल टीम 3 टायर सिस्टम के तहत कार्यरत है, जिसमे 3 लेवल पर एएनएम, बीएलओ, हेल्थ वर्कर, आशा सहयोगिनी एवं अन्य, 2 लेवल पर सुपरविजन स्कूल लेक्चरर या समकक्ष तथा 1 लेवल पर उपायुक्त स्तर का अधिकारी (चार पीएससी अधीन होंगी) कार्य कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में मेडीकल टीम में बीडीओ, सीईओ के स्तर पर सरपंच, वार्ड सरपंच, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं अन्य कार्य कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में 108 पीएससी एवं 35 सीएससी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी के नाम से कमेटियां बनाई गई है, बैठक में सुझाव दिया गया है कि कोविड कैंपेन में एनजीओस को भी शामिल किया जा सकता है।
जेडीसी ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कार्य के दौरान ऑक्सीमीटर भी साथ रखने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए उन्होंने आरएमएससी के अधिकारियों को ऑक्सीमीटर सीएमएचओ को तुरंत उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा।
ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएंगे, टेस्ट में पॉजीटिव आने वाले रोगियों को तुरंत उपचार या भर्ती करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। साथ ही क्वारनटाइन सेंटर्स विकसित किए जाएंगे।
बैठक में बताया गया कि कोविड संक्रमण के बचाव हेतु जयपुर को 24 जोन (4 पीएससी को एक जोन बनाया गया है) में विभाजित किया गया है। जिसमें जोनवार जेडीए एवं नगर निगम के उपायुक्तो को मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किया जायेगा।
जयपुर शहर में 10 मोबाइल टेस्टिंग वाहन उपलब्ध है, जिनके माध्यम से शहर की 96 पीएससी को कवर करते हुए, लगभग एक सप्ताह में टेस्टिंग कार्य पुरा कर लिया जाएगा।
जयपुर शहर में कुल 21 सैंपल लैबस हैं, जिनमें 3 सरकारी एवं 18 निजी लैबस है।
मेडीकल टीम द्वारा सर्वे एवं किट वितरण उपरान्त तीन दिवस पश्चात फीडबैक लिया जाकर आवश्यकता होने पर टेस्टिंग करवाई जाएंगी, टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने पर दवाइयां लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह दी जाएगी एवं आवश्यक होने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
डोर टू डोर सर्वे कार्य में मेडीकल किट वितरण एवं लक्षण पाए जाने पर दवाई लेते हुए होम आइसोलेशन की सलाह देना, फीडबैक लेना, टेस्टिंग इत्यादि कार्य किए जाएंगे।
डोर टू डोर सर्वे, मेडीकल किट का वितरण, टेस्टिंग आदि संपूर्ण कार्यों एवं प्रक्रियाओं की मॉनिटरिंग जेडीए सचिव द्वारा की जायेगी।
बैठक में बताया गया कि हर पुलिस थाने पर एक इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि नगर निगम हेरिटेज एवं ग्रेटर के स्तर पर भी विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें उनके द्वारा मोबाइल वैन (लाउडस्पीकर सहित) के माध्यम से जन जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। नगर निगम हेरिटेज एवं ग्रेटर द्वारा संक्रमित कचरा उठाने के लिए भी अलग से व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम के पार्षदों द्वारा भी अपने अपने वार्ड में कोविड कैंपेन चलाए जा रहे हैं।
जेडीसी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को आईईसी एवं सेनिटाइजेशन, लॉकडाउन - माइक्रो कंटेनमेंट जोन्स, ऑक्सिजन प्रबंधन, वेंटीलेटर/bipapas प्रबंधन, बेड्स प्रबंधन, मेडिसन प्रबंधन आदि कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में जयपुर जिले में जन जागरूकता लाने हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करवाए जाने के निर्देश दिए गए। व्यापक स्तर पर जागरूकता होने से कोविड मरीज को सही समय पर इलाज मिल पाएगा।
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