जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में 17 से करोड़ बनी अम्बेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी पिछले 2 साल बनने के बाद भी उद्धघाटन को राजनीतिक व...
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में 17 से करोड़ बनी अम्बेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी पिछले 2 साल बनने के बाद भी उद्धघाटन को राजनीतिक वजह से इंतजार कर रही है जिसको खुलवाने को लेकर लोकेन्द्र सिंह रायथलिया के नेतृत्व कुलपति को ज्ञापन दिया गया।
विवि प्रशासन चाहता है कि लाईब्रेरी का उद्घाटन मुख्यमंत्री से ही हो , चाहे इससे हजारों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ क्यो न हो जाए । सबसे अधिक परेशानी उन विद्यार्थियों को है जो स्नातक कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। संघटक कॉलेजों के विद्यार्थियों जैसे महारानी महाविद्यालय, राजस्थान महाविद्यालय, वाणिज्य महाविद्यालय और महाराजा महाविद्यालय के विद्यार्थियों को राजस्थान विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी में बैठने की अनुमति भी नहीं दी जाती, ऐसे में इन्हें प्राइवेट लाइब्रेरी में मोटी फीस देकर बैठना पड़ता है। वह भी तब जबकि कोविड के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। ऐसे में वह इंतजार में हैं कि यह लाइब्रेरी कब शुरू होगी।
गौरतलब है कि लाइब्रेरी के शिलान्यास के बाद से जेपी सिंघल, राजेश्वर सिंह, प्रो.आरके कोठारी और प्रो. जेपी यादव कुलपति पद पर रह चुके हैं।
गौरतलब है कि इसे पूरी तरह कम्प्यूटराइज किया गया है जिससे छात्रों को किताब की जानकारी ऑनलाइन ही मिल सके। इसके अलावा कौनसी किताब कहां रखी हैं, यह एक क्लिक करने पर ही पता चलेगा। लाइब्रेरी में आने वाले हर छात्र की जानकारी ऑनलाइन रहेगी। लाइब्रेरी की क्षमता करीब एक हजार छात्रों की है। लाइब्रेरी शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हजारों शोधार्थियों को फायदा होगा। इसी के साथ विवि से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे करीब 15 हजार विद्यार्थी यहां अध्ययन कर सकेंगे। शोध कर रहे शोधार्थियों को रिसर्च पेपर सर्च करलाइन ही मिलने व अलग.अलग लेखकों की पुस्तके पढऩे के लिए हजारों रुपए खर्च नहीं करने पड़ेगे। मॉडर्न लाइब्रेरी चालू होने पर उन्हें ये कंटेट निशुल्क उपलब्ध होगा। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी इसका लाभ ले सकेंगे।
लोकेन्द्र सिंह रायथलिया ने बताया कि अगर जल्द ही लाइब्रेरी खोलने की तिथि जारी नही की गई तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा जिसका सम्पूर्ण जिम्मदारी विवि प्रशासन का रहेगा ।
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